Jharkhand Budget 2020-21: झारखंड में पहली बार आर्थिक स्थिति पर पेश हुआ श्वेत पत्र

Jharkhand Budget 2020-21 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र लाने का वादा किया था।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 02 Mar 2020 10:37 AM (IST) Updated:Mon, 02 Mar 2020 01:42 PM (IST)
Jharkhand Budget 2020-21: झारखंड में पहली बार आर्थिक स्थिति पर पेश हुआ श्वेत पत्र
Jharkhand Budget 2020-21: झारखंड में पहली बार आर्थिक स्थिति पर पेश हुआ श्वेत पत्र

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Budget 2020-21 झारखंड सरकार ने सोमवार को विधानसभा में राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र पेश कर दिया है। बजट से पूर्व सदन में पेश किए जाने वाले श्वेत पत्र के माध्यम से सरकार कुल राजस्व प्राप्तियां व व्यय का ब्योरा जनता से साझा कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर श्वेत पत्र लाने का वादा किया था। श्वेत पत्र तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय  समिति का गठन भी किया गया था, जिसमें वित्तीय मामलों के जानकार हरिश्वर दयाल सहित अन्य विभागीय अधिकारियों को शामिल किया गया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

श्वेत पत्र में राज्य सरकार के निधि के स्रोतों व व्यय की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। जीएसटी, उत्पाद, निबंधन, परिवहन, भू-राजस्व व अन्य स्रोतों से आने वाले राजस्व के अलावा गैर कर राजस्व जिसमें खनिज सेस, ब्याज से होने वाली आय का उल्लेख किया जाएगा। इसके अलावा भारत सरकार से प्राप्त राजस्व प्राप्तियों का भी इस आधार पर आकलन किया जाएगा कि राज्य को कितनी राशि प्राप्त होनी चाहिए थी और उसे कितनी राशि प्राप्त हो रही है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी), राजस्व और राजकोषीय घाटा की भी समीक्षा का ब्योरा इसमें होगा। श्वेत पत्र के माध्यम से सरकार जनता को यह भी बताएगी कि योजना मद में प्रस्तावित बजट की राशि और वास्तविक व्यय की स्थिति क्या है। इसके सापेक्ष राज्य सरकार को प्राप्त राशि की समीक्षा का ब्योरा भी इस रिपोर्ट में होगा। 

आज पेश होगी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट

झारखंड सरकार विधानसभा में सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करेगी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में राज्य की वित्तीय स्थिति का खाका होगा। सर्वेक्षण में राजकोषीय घाटे के साथ-साथ जीएसडीपी का भी अनुमान होगा। इसमें तमाम आधारभूत संरचना समेत शिक्षा-स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में ग्रोथ और आगामी वित्तीय वर्ष में इसकी स्थिति का भी ब्योरा होगा। 

 80 हजार करोड़ के आसपास होगा बजट आकार

झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट विधानसभा में तीन मार्च को पेश करेगी। राज्य सरकार ने बजट को वास्तविकता के करीब रखने पर जोर दिया है। स्पष्ट है बजट आकार बढ़ाने के बजाए राजस्व प्राप्तियों पर विशेष जोर होगा। राज्य सरकार का बजट आकार 80 हजार करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान लगाया जा रहा है। वहीं अपने राजस्व के संसाधन बढ़ाने के उपायों पर फोकस किया जाएगा। फिलहाल राज्य सरकार को अपने संसाधनों से महज 20 हजार करोड़ रुपये की ही आमद हो रही है। 

किसान, आदिवासियों व युवाओं पर फोकस, सबको लुभाएगी सरकार किसानों का दो लाख तक का ऋण होगा माफ। बढ़ेगा कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य। धान पर 500 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि किसानों को। किसानों को कृषि उपकरण के लिए सस्ते ब्याज दर पर ऋण। वृद्धा और विधवा पेंशन में होगी बढोतरी, हर माह के पहले कार्यदिवस पर पेंशन। 300 यूनिट तक की खपत करने वाले घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट बिजली मुफ्त। एक रुपये में रजिस्ट्री होने की योजना में संशोधन कर सकती है राज्य सरकार। भूमिहीनों को जमीन, आदिवासी युवाओं को कारोबार के लिए सस्ती दर पर ऋण। बेरोजगार युवाओं को भत्ता, अलग-अलग श्रेणी में भत्ता।

फैक्ट फाइल झारखंड करीब 85 हजार करोड़ के कर्ज तले दबा हुआ है। यह वर्तमान बजट के समतुल्य और राज्य की जीएसडीपी के मुकाबले करीब 30 फीसद है। पिछले पांच वर्षों से कर्ज में करीब 10 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार को अपने कर राजस्व से बजट का महज 24 फीसद ही हो रहा हासिल। गैर कर राजस्व से 12.50 फीसद बाकी राशि के लिए केंद्रीय सहायता, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी और ऋण पर निर्भर है राज्य।

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