चारा घोटाला मामले में पशु रक्षित पदाधिकारी की गवाही दर्ज
डोरंडा मामले में पशु रक्षित पदाधिकारी रमेश राय की गवाही दर्ज की गई।
जागरण संवाददाता, रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाला के डोरंडा मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में क्षेत्रीय पशुपालन कार्यालय रांची के अवकाश प्राप्त पशु रक्षित पदाधिकारी रमेश राय की गवाही दर्ज की गई। उनकी गवाही पिछले कई दिनों से चल रही थी। बुधवार को गवाही पूरी हो गई।
गवाही के दौरान उन्होंने पशु दवा और उसकी आपूर्ति के लिए मांग पत्र से संबंधित जानकारी अदालत को दी। साथ ही कई दस्तावेजों को सत्यापित किया। यह मामला 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी से संबंधित है। सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी 47ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर रही है। मामले में लालू प्रसाद सहित डॉ. आरके राणा, लोक लेखा समिति के पूर्व अध्यक्ष जगदीश शर्मा सहित 120 अभियुक्त ट्रायल फेस कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान जेल में बंद अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया गया।
सीबीआइ कोलकाता के सेवानिवृत एसपी ने दी गवाही :
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से जुड़े चारा घोटाले में मंगलवार को सीबीआइ कोलकाता के सेवानिवृत एसपी रंजन विश्वास ने गवाही दी। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में उनकी गवाही वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दर्ज करवाई। गवाही के दौरान जेल में बंद अभियुक्तों को कोर्ट में सशरीर पेश किया गया था। रंजन विश्वास घोटाले के समय रांची में प्रतिनियुक्ति पर थे। उन्होंने बताया कि मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी के आदेश पर वे धनबाद, पटना में जाकर दवा घोटाले से संबंधित अन्य मामलों में लिए गए बयान एवं कागजातों का अध्ययन किया था।
यह बयान व कागजात डोरंडा केस से भी संबंधित था। बयान व कागजातों की प्रतिलिपि लेकर रांची आए और मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी के थामस को सौंप दिया था। उन्होंने कोलकाता जाकर मेसर्स सेंट्रल रोलर फ्लावर मिल के निदेशक एमपी चांडक और मेसर्स लिटिल ओक फार्मा के दो पार्टनर का बयान दर्ज किया था। उसे भी लाकर मुख्य अनुसंधान पदाधिकारी को सौंप दिया था। गवाही के बाद अभियुक्त दयानंद कश्यप और त्रिपुरारी मोहन प्रसाद की ओर से जिरह किया गया।
इधर, क्षेत्रीय पशुपालन कार्यालय रांची के अवकाश प्राप्त पशु रक्षित पदाधिकारी रमेश राय से अभियुक्तों की ओर से जिरह किया गया। इसके बाद उनकी गवाही को स्थगित कर दी गई है। यह मामला 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी से संबंधित है। मामले को लेकर सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी 47ए/96 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच कर रही है।