गर्भ में जीवित व ट्यूब में था मृत बच्चा, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बचाई दो जिंदगियां

बरही की गर्भवती महिला को पेट में दर्द के कारण रिम्स में भर्ती किया था। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन कर दो जिंदगियां बचाई।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 12:51 PM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 12:51 PM (IST)
गर्भ में जीवित व ट्यूब में था मृत बच्चा, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बचाई दो जिंदगियां
गर्भ में जीवित व ट्यूब में था मृत बच्चा, डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर बचाई दो जिंदगियां

रांची, जासं। रिम्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग ने शुक्रवार को हजारीबाग जिले के बरही की रहने वाली 32 वर्षीय गर्भवती महिला गीता देवी की जान बचाई। महिला चार माह की गर्भवती थी। वहीं उसके ट्यूब में भी करीब दो माह का बच्चा था। बीते 10 दिसंबर को महिला को रिम्स में पेट दर्द व रक्तस्राव की समस्या के कारण भर्ती किया गया। जब मरीज की जांच की गई तो पता चला कि गर्भ में करीब पंद्रह सप्ताह का जीवित बच्चा व ट्यूब में सात सप्ताह का मृत बच्चा था। डॉक्टरों की टीम ने महिला की बच्चेदानी की नली से ऑपरेशन कर मृत बच्चे को दूरबीन के माध्यम से बाहर निकाला। ऑपरेशन के बाद गर्भ में पल रहा बच्चा व महिला दोनों स्वस्थ हैं।

रिम्स की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुभा विद्यार्थी ने बताया कि ऐसी प्रेगनेंसी को मेडिकल साइंस में हेटेरोटोपिक प्रेगनेंसी कहा जाता है। यह करीब 30 हजार में एक गर्भवती महिला में पाया जाता है। ऑपरेशन टीम में सीनियर रेजीडेंट डॉ आरती  च्योति, रेजीडेंट डॉ तनु, डॉ. मधुमति के अलावा एनेस्थिसिया से डॉ एस प्रकाश, डारॅ अंनदिता, डॉ जीतेंद्र व डॉ अश्वनी आदि शामिल थे।

समय पर नहीं होता ऑपरेशन तो जा सकती थी जान

डॉ. अनुभा विद्यार्थी ने बताया कि जब भी गर्भवती के साथ इस तरह की समस्या होती है तो इस अवस्था में ट्यूब में पल रहे बच्चे को हटाना आवश्यक हो जाता है। अगर ट्यूब को समय रहते नहीं हटाया गया तो वह फट सकता है और मां व गर्भ में पल रहे जीवित बच्चे के लिए जानलेवा खतरा बन सकता है। उन्होंने बताया कि अगर मरीज समय से नहीं आई होती या ऑपरेशन में देरी होती तो मां के साथ बच्चे की जान भी जा सकती थी। डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन कर दो जिंदगियां बचाई।

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