Positive India: कोरोना से परिवार काे बचाने को डॉक्‍टर ने खुद को किया आइसोलेट

Positive India. हजारीबाग के चुरचू में पदस्थापित डा. एपी चैतन्या हर दिन प्रवासी मजदूरों का कर रहे हैं स्क्रीनिंग। कोरोना से संक्रमण को देखते हुए बच्चों से बना ली है दूरी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 03 Apr 2020 04:39 PM (IST) Updated:Fri, 03 Apr 2020 04:42 PM (IST)
Positive India: कोरोना से परिवार काे बचाने को डॉक्‍टर ने खुद को किया आइसोलेट
Positive India: कोरोना से परिवार काे बचाने को डॉक्‍टर ने खुद को किया आइसोलेट

हजारीबाग, जासं। Positive India कोविड-19 के खिलाफ चिकित्सक और पारा मेडिकल स्टाफ के जज्बे  को पूरी दुनिया सलाम कर रही है। इससे इतर कोरोना के इस जंग ने चिकित्सकों की दिनचर्या बदल डाली है। हजारीबाग के चुरचू में ातबैर चिकित्सा प्रभारी पदस्थापित डॉ. एपी चैतन्या अबतक 500 से अधिक प्रवासी मजदूरों की स्क्रीनिंग कर चुके हैं। लेकिन, चिकित्सक की जिम्मेवारी पूरी कर जब वे वापस देर रात घर लौटते हैं तो यहां इन्हें दोहरी जिम्मेवारी निभानी पड़ती है।

वे बताते हैं परिवार और अपने दो बच्चों को कोरोना के खतरे से बचाने को लिए उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। जब वे देर रात नौ बजे पहुंचते हैं, गेट के बाहर ही अपने दोनों हाथ उठा खड़े हो जाते हैं। फिर अंदर से सैनिटाइजर की बारिश शुरु हो जाती है। इसके बाद घर के बाहर रखे बाल्टी के पानी से अपना हाथ पैर चेहरा धोना पड़ता है। इसके बाद गेस्ट रूम के बाथरूम में जाकर स्नान करना होता है। इसके बाद उनके कपड़ों को डिटर्जेंट व डेटॉल से धोया जाता है। पुन: थर्मामीटर की सहायता से उनके बुखार की जांच की जाती है। सब कुछ सामान्य होने पर ही डॉक्टर चैतन्या अपने रूम में पहुंचते हैं।

लेकिन यहां भी उन्हें अपने बच्चों व परिवार के अन्य सदस्यों से दूरी बनाकर रहना पड़ती है। वे बताते हैं कि कई बार तो रात इतनी हो जाती है कि बच्चे सो जाते हैं। फिर सुबह दूर से उनसे बात कर ड्यूटी के लिए निकल जाता हूं। डॉक्टर चैतन्या ने बताया कि उनकी यह दिनचर्या विगत 15 मार्च से ही है। साथ ही कहा की कोविड-19 के संक्रमण को लेकर लोगों के इलाज, बचाव के लिए वे हर मुसीबत उठाने को तैयार हैं।

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