लालू प्रसाद यादव की जेल से बाहर आने की राह कठिन

विधि विशेषज्ञों के अनुसार लालू प्रसाद के जेल से निकलने की राह काफी कठिन होती जा रही है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Jan 2018 11:19 AM (IST) Updated:Thu, 25 Jan 2018 06:47 PM (IST)
लालू प्रसाद यादव की जेल से बाहर आने की राह कठिन
लालू प्रसाद यादव की जेल से बाहर आने की राह कठिन

जागरण संवाददाता, रांची। चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें अभी कम होती नहीं दिख रही हैं। चारा घोटाले की लगातार सुनवाई में अदालती चक्कर की बात करें या फिर जेल में ही लंबे समय तक रहने की, बैक टू बैक आ रहे फैसले ने उन्हें जेल की रोटी ही खाने को मजबूर कर दिया है।

विधि विशेषज्ञों के अनुसार लालू प्रसाद के जेल से निकलने की राह काफी कठिन होती जा रही है। एक ओर जहां हाई कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित है। वहीं, दूसरी ओर चाईबासा मामले में बुधवार को उन्हें सजा सुनाई गई। देवघर मामले में वे पहले ही रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में सलाखों के पीछे कैद हैं। चाईबासा मामले में जजमेंट की कॉपी उनकी ओर से सीबीआइ अदालत से निकाली जाएगी, हाई कोर्ट में अपील दायर की जाएगी तबतक दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित मामले में फैसला आने की उम्मीद है। इसकी सुनवाई भी अंतिम चरण में है।

बचाव पक्ष की ओर से बहस के लिए तिथि निर्धारित है। चारा घोटाले से जुड़े विधि विशेषज्ञों के अनुसार फरवरी के अंत या मार्च के प्रथम सप्ताह तक इसमें भी फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि लालू प्रसाद की ओर से हाई कोर्ट में लंबित याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया है। इसपर सुनवाई के लिए दो फरवरी की तिथि निर्धारित है। विधि विशेषज्ञों की मानें तो दो फरवरी को होने वाली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट एलसीआर (लोअर कोर्ट रिकॉर्ड) की मांग करेगा। जब एलसीआर हाई कोर्ट पहुंचेगा तो मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। इसमें समय लगेगा।

इधर, लालू प्रसाद के अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा ने बताया कि उन्हें चाईबासा मामले के फैसले की कॉपी नहीं मिली है। कॉपी मिलने के बाद फैसले का अवलोकन करेंगे। इसके बाद आदेश की सत्यापित प्रति मिलने और उसका अध्ययन करने के बाद ऊपरी अदालत में जाने को सोचेंगे।

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