साइबर अपराध से बचाव की सिखाई गई तकनीक

रांची : धुर्वा स्थित सीआइएसएफ कैंप में साइबर क्राइम थाना रांची की ओर से साइबर अपराध पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान सीआइएसएफ के जवानों को साइबर अपराध से बचने की तकनीक सिखाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Jul 2018 07:51 AM (IST) Updated:Sat, 28 Jul 2018 07:51 AM (IST)
साइबर अपराध से बचाव की सिखाई गई तकनीक
साइबर अपराध से बचाव की सिखाई गई तकनीक

रांची : धुर्वा स्थित सीआइएसएफ कैंप में साइबर क्राइम थाना रांची की ओर से साइबर अपराध पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान सीआइएसएफ के जवानों को साइबर अपराध से बचने की तकनीक सिखाई गई। साइबर क्राइम डीएसपी श्रद्धा केरकेट्टा और एक्सपर्ट सौरभ कुमार ने उन्हें साइबर अपराधियों से बचने और सतर्क रहने की जानकारी दी। जवानों को बताया कि वे अक्सर एयरपोर्ट, मेट्रो, बड़े औद्योगिक संस्थानों में सेवा दे रहे होते हैं। ऐसी जगहों पर साइबर अटैक का खतरा अधिक रहता है। इसलिए जवानों को साइबर अपराध व इससे बचने की जानकारी जरूरी है। कई बार साइबर अपराधी सीसीटीवी फुटेज को हैक कर लेते हैं। सर्वर व वेबसाइट पर कब्जा कर लेते हैं। इनसे बचने के लिए लूप होल से बचाव जरूरी है।

इस कार्यक्रम में सीआइएसएफ के जवानों के अलावा हर स्तर के अधिकारी भी शामिल हुए। साइबर अटैक से पहले जवानों को साइबर अपराध के फाइनाशियल फ्रॉड, डाटा मोडिफिकेशन, आईडेंटिटी थेफ्ट एंड मिसयूज, साइबर बुलिंग स्टॉकिंग, डाटा थेफ्ट, ट्रेड सिक्रेट थेफ्ट के बारे में बताया गया। फिर उसके बचाव के लिए टूल्स एंड टेक्निक में बफर फ्लो, क्रैकिंग आदि के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में सीआइएसएफ के आइजी अनिल कुमार, डीआइजी नीता सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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साइबर अपराध के इन बिंदुओं पर दी जानकारी :

-अलग अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर, बैंक एटीएम बंद होने के नाम पर नंबर मागना और पैसे ट्रासफर या ऑन लाइन शॉपिंग कर लेना।

-ठगी के लिए एप बनना, गूगल प्ले स्टोर पर डालना और एप के जरिए आईडी पासवर्ड चोरी कर इंटरनेट बैकिंग के जरिए पैसे ट्रासफर करना।

-क्रेडिट और डेबिट कार्ड के नाम पर लोगों को फासना, फिर फ्रॉड करना।

-कारोबारी बनकर फोन करना और बैंक से संबंधित सूचनाएं एकत्र करना, फिर एटीएम का पासवर्ड जानना।

-नौकरी दिलाने के नाम पर इंटरनेट पर विज्ञापन जारी करना, बेरोजगारों से पैसे ऑनलाइन वसूलना, पैसे दोगुने करने के नाम पर ठगी करना। ये दिए गए सुझाव :

-साइबर अपराध से बचने के लिए अपने मोबाइल नंबर पब्लिक प्लेस में किसी के द्वारा कंपनी के नाम पर मागे जाने पर बिल्कुल नहीं दें।

-अगर आप मकान बदलते हैं तो अपने घर का वर्तमान एड्रेस अपने बैंक को जरूर दें।

-अपने बैंक खाते क्रेडिट कार्ड को नियमित अपडेट कराते रहें, ताकि यह पता चल सके कि कोई गलत लेन देन तो नहीं हुआ।

-उन्हीं एटीएम मशीन का उपयोग करे जिसमें सिक्यूरिटी गार्ड हो।

-फेसबुक पर अनजाने व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करे।

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