सीआरएम ने पाया कि लेबर रूम में खुले में होता है प्रसव

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आई टीम ने सोमवार को रिम्स के लेबल रूम का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 01:43 AM (IST) Updated:Tue, 11 Sep 2018 01:43 AM (IST)
सीआरएम ने पाया कि लेबर रूम में खुले में होता है प्रसव
सीआरएम ने पाया कि लेबर रूम में खुले में होता है प्रसव

जागरण संवाददाता, रांची : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आई कॉमन रिव्यू मिशन सोमवार को रिम्स का दौरा करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने निरीक्षण के दौरान पाया कि लेबर रूम में महिलाओं का प्रसव खुले हॉल में किया जाता है, जहां न तो पर्दा होता है। न कोई दीवार। प्रसव के दौरान निजता का ख्याल तक नहीं रखा जाता है। टीम की आपत्ति के बाद रिम्स प्रबंधन को 24 घटे के भीतर पर्दा लगाने का निर्देश दिया है। सीआरएम की टीम सोमवार को रिम्स के स्त्री एवं प्रसूति विभाग के लेबर रूम का निरीक्षण कर रही थी। निरीक्षण के दौरान टीम ने देखा कि मात्र एक किलो वजन के नवजात को भी वार्ड में ही रखा गया था, जबकि उसे तत्काल एसएनसीयू भेजा जाना चाहिए था। टीम ने बच्चे को एसएनसीयू भिजवाया और हिदायत दी कि ऐसे बच्चे जो कुपोषण के शिकार है। उन्हें डोरंडा स्थित सेंटर या फिर एसएनसीयू में भेजा जाना चाहिए। इसके अलावा टीम ने मैनपावर की कमी को भी उजागर किया।

टीम ने अस्पताल की अन्य चिकित्सकीय व्यवस्थाओं का जायजा लिया। टीम ने महिला वार्ड, शिशु वार्ड, लेबर रुम, ऑपरेशन थिएटर और मेटरनिटी वार्ड आदि स्थानों का निरीक्षण किया। सीआरएम का नेतृत्व कर रहे डॉ. जेएल मिश्रा ने बताया कि अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में कुछ कमिया पाई गई तो कुछ संतोषजनक भी रहा। कमियों को दूर कराने का प्रयास किया जाएगा। अंतिम रिपोर्ट 12 सितंबर को पेश किए जाएंगे।

टीम ने पाया कि एनआइसीयू में लगे एक वार्मर में दो से तीन बच्चे को रखे जाते हैं। जबकि एसएनसीयू खाली रहता था। उनका कहना था कि दोनों ही संपत्ति आपकी है। इसलिए दोनों ही वार्ड का इस्तेमाल करें। इससे बीमार बच्चे को सहूलियत होगी। एक समान उपयोग करने की सलाह दी। लेबर रूम में जो कमियां है, उसे दूर की जाएगी। टीम की जो भी आपत्ति है, उस पर रिम्स काम करेगा। व्यवस्थाओं में सुधार होने से मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा।

डॉ. आरके श्रीवास्तव

निदेशक, रिम्स -------------

टीम ने 108 एंबुलेंस के कार्यालय का किया निरीक्षण

जासं, रांची : रिम्स डोरंडा स्थित 108 एंबुलेंस कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कर्मियों से पूछा किया कितने एंबुलेंस का परिचालन होता है। दिन में कितने कॉल आते हैं और कितनों पर तत्काल कार्रवाई होती है। इस दौरान कर्मियों ने बताया कि कॉल तो काफी आते हैं। लेकिन, इसमें कई कॉले फेक भी होते हैं, जिस वजह उन्हें परेशानी होती है।

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