झारखंड में बनेगा देश का पहला खादी मॉल: सीएम

सीएम रघुवर दास ने कारीगर पंचायत की तारीफ करते हुए कहा कि यह पंचायत कारीगरों की जिंदगी के बदलाव का माध्यम बनेगा।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Jul 2018 03:55 PM (IST) Updated:Sun, 01 Jul 2018 05:25 PM (IST)
झारखंड में बनेगा देश का पहला खादी मॉल: सीएम
झारखंड में बनेगा देश का पहला खादी मॉल: सीएम

जागरण संवाददाता, रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्मार्ट सिटी में देश का पहला खादी मॉल बनेगा। उन्होंने एक एकड़ जमीन देने की घोषणा के साथ यह भी कहा कि इसकी नींव अगले महीने 15 अगस्त को रखी जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि साल में खादी का बजट 19 करोड़ है। इसे अब बढ़ाया जाएगा। वे रविवार को झारखंड राज्य खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खेलगांव के हरिवंश टानाभगत इनडोर स्टेडियम में पहली बार आयोजित कारीगर पंचायत को संबोधित कर रहे थे। इस पंचायत में पूरे राज्य से करीब 6822 विभिन्न क्षेत्रों के कारीगर आए हुए थे। इस मौके पर उन्होंने खादी बोर्ड द्वारा उत्पादित सत्तू को भी लांच किया।

रघुवर ने कारीगर पंचायत की तारीफ करते हुए कहा कि यह पंचायत कारीगरों की जिंदगी के बदलाव का माध्यम बनेगा। यह पंचायत लोगों को जगाने का भी काम करेगी। कारीगरों से अपील करते हुए कहा कि यहां जो तकनीकी सत्र है, उसका पूरा लाभ लें और अपने उत्पाद को समय की मांग के अनुरूप बनाए। प्रकृति ने झारखंड पर इनायत बरती है। यहां क्या नहीं है? झारखंड सबसे अमीर राज्य है, लेकिन लोग गरीब हैं। हमें इनकी गरीबी को मिटाना है। यह काम खादी और ग्रामोद्योग के माध्यम से हो सकता है। इसके जरिए हमें झारखंड का चेहरा बदलना है।

हम देंगे बाजार

मुख्यमंत्री ने कहा, कारीगरों को बाजार की चिंता नहीं करनी है। हम उन्हें बाजार देंगे। गांव और शहर में हाट बनेगा। पर्यटन स्थलों पर भव्य और आधुनिक हॉट बनाए जाएंगे, जहां झारखंड के कारीगरों के उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसके अलावा खादी बोर्ड और झारक्राफ्ट के बिक्री सेंटरों पर भी झारखंडी कला उत्पाद का विक्रय होगा। साथ ही, हम उन्हें वैश्विक बाजार भी देंगे। उन्होंने बताया कि स्वीडन की एक कंपनी ने पांच लाख बांस की टोकरी का आर्डर दिया है। हम विदेशों में अपनी सब्जी भेज रहे हैं। सिल्क भेज रहे हैं। बांस के सामान की मांग भी अब बढ़ रही है।

हर गांव में ग्रामोद्योग

रघुवर दास ने कहा, हमारा लक्ष्य हर गांव में ग्रामोद्योग लगाना है। खादी बोर्ड द्वारा कारीगरों को आधुनिक यंत्र दिए जाएंगे और उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अभी उद्योग विभाग ने कारीगरों की सूची बनाई है, उसमें एक लाख 13 हजार को सूचीबद्ध किया है। इसमें कई क्षेत्र नहीं जोड़े गए हैं। इन कारीगरों को हर तरह की सुविधा सरकार देगी।

मीठी क्रांति में राज्य बनेगा अग्रणी

मुख्यमंत्री ने पीएम की मीठी क्रांति को आगे बढ़ाते हुए कहा कि झारखंड मीठी क्रांति में देश का अग्रणी राज्य बनेगा। पीएम से अनुरोध किया गया है कि वे राज्य को दो लाख बी बाक्स उपलब्ध कराएं। यहां की प्रकृति ऐसी है कि यहां सबसे बेहतर मधु का पालन हो सकता है। पूरी दुनिया में आर्गेनिक मधु की मांग है। इसके लिए किसानों को चिंता नहीं करनी है कि उनका मुध कहां बिकेगा। सरकार उनसे मधु लेगी। बाबा रामदेव का हवाला देते हुए सीएम ने कहा कि जितना मधु का उत्पादन होता है, उसे पतंजलि खरीद लेगा।

सबका साथ, सबका विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां मुस्लिम महिलाएं भी है। चर्च रोड में करीब 80 महिलाएं जरी का काम करती हैं। इन्हें और आगे बढ़ाना है। हमारा उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास है। जाति, धर्म देखकर हम काम नहीं करते। महिलाएं स्कूली डे्रस की सिलाई कर सकती हैं। अब हर स्कूल में खादी के ड्रेस होंगे। इससे भी लोगों को रोजगार मिलेगा। हर व्यक्ति खादी का उपयोग करे। 2022 संकल्प से सिद्धि का साल होगा। हमें एक नया झारखंड बनाना होगा। इस मौके पर सीएम ने कई कारीगरों को सम्मानित भी किया।

झारखंड को देंगे दस हजार बी बाक्स

कार्यक्रम में खादी आयोग के अध्यक्ष विनय सक्सेना ने कहा कि झारखंड के लिए पांच हजार बी बाक्स का कोटा था, लेकिन यहां की जलवायु और लोगों का उत्साह देखते हुए इसे दोगुना करते हुए दस हजार बी बाक्स दिया जाएगा। जरूरत पड़ी तो और भी बाक्स आयोग देगा। सक्सेना ने खादी बोर्ड के तीन पुराने आउटलेट के रिनोवेशन के लिए भी 45 लाख रुपया देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब से पीएम ने मीठी क्रांति की बात की है। तब से आयोग पूरे देश में 27 हजार बी बाक्स बांट चुका है। हम चाहते हैं कि मीठी क्रांति में झारखंड अग्रणी राज्य बने।

पेशागत करीगरी को मिलेगा बढ़ावा

पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि इस पंचायत से पेशागत कारीगरी को बढ़ावा मिलेगा। झारखंड में कारीगरों की कमी नहीं है। हर गांव में कारीगर मिल जाएंगे। लेकिन बाजार न मिलने के कारण यह परंपरा लुप्त हो रही थी। अब राज्य सरकार व खादी बोर्ड ने इसमें आगे बढ़कर पहल की है तो यह परंपरा अब आगे बढ़ेगी। गांव आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।

मिटेगी गरीबी, मिलेगा रोजगार

जनजातीय कल्याण मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि खादी व ग्रामोद्योग के क्षेत्र में रोजगार की सर्वाधिक संभावना है। हर गांव स्वावलंबी हो सकता है। एक सबसे बड़ी समस्या, बाजार की है। यह काम हो जाएगा तो गांव की कारीगरी भी जिंदा हो जाएगी और गांव स्वावलंबी भी बन सकेगा। बांस, लाह, तसर, टेराकोटा से लेकर कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिससे हम बेहतर कमा सकते हैं। उद्योग विभाग के सचिव विनय चौबे ने मुद्रा लोन के बारे में बताया कि पचास हजार से दस लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया जा सकता है। अभी हर गांव में उद्यमी सखी बनाना है। माटी कला बोर्ड, उद्यमी बोर्ड आदि इस दिशा में सक्रिय हैं।

स्वागत करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने दो सालों में खादी बोर्ड ने काफी तरक्की की है। आमदा से लेकर हरिहरगंज में खादी का काम तेजी से बढ़ा है। हरिहरगंज में चार सौ मीटर प्रतिदिन कपड़ा तैयार हो रहा है। इसी तरह चांडिल में भी। हर महिला को प्रशिक्षण दिया जाता है और उसे हर दिन 150 रुपये का सहयोग भी दिया जाता है। सिलाई मशीन भी उसे दी जाती है। उन्होंने यह भी अपेक्षा की कि स्मार्ट सिटी में नया विधानसभा और हाई कोर्ट बन रहा है। लोग इसे देखने जाएं तो वे खादी प्लाजा जाएं। यहां उसकी नींव पड़नी चाहिए।

इस मौके पर विधायक नवीन जायसवाल, मेयर आशा लकड़ा, झारक्राफ्ट के एमडी मंजूनाथ भजंत्री, खादी बोर्ड के सीइओ दीपंकर पांडा, बोर्ड के सलाहकार डॉ एसडी सिंह, चंद्रकांत रायपत, बोर्ड के सदस्य कंवलजीत सिंह सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। 

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