CM हेमंत सोरेन ने वन महोत्सव का किया उद्घाटन, बोले- सभी सरकारी खाली जमीन पर लगाए जाएंगे पौधे

Jharkhand News Van Mahotsav 2021 मुख्‍यमंत्री ने रांची के अनगड़ा ब्लॉक के गांधीग्राम में पौधे लगाया। सीएम ने कहा कि अगर तालाबों को नहीं बचाया गया तो आने वाले चंद वर्षों में ही विकट जल संकट पैदा होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 10:41 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 03:31 PM (IST)
CM हेमंत सोरेन ने वन महोत्सव का किया उद्घाटन, बोले- सभी सरकारी खाली जमीन पर लगाए जाएंगे पौधे
Jharkhand CM Hemant Soren to Start Van Mahotsav 2021 मुख्‍यमंत्री रांची के अनगड़ा ब्लॉक के गांधीग्राम में पौधे लगाएंगे।

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि इस साल वन महोत्सव कार्यक्रम के तहत पूरे झारखंड में एक करोड़ 70 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। रांची जिले में एक लाख पौधे लगेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जितनी भी सरकारी जमीन खाली पड़ी हुई है, उन सब पर पेड़ लगाए जाएं। मुख्यमंत्री आज वन महोत्सव कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर रांची के गांधीग्राम में जनता को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सभी को चाहिए कि पेड़ लगाएं और पानी बचाएं। उन्होंने कहा कि तालाबों को बचाने की जरूरत है। अगर तालाबों को नहीं बचाया गया तो आने वाले चंद वर्षों में ही विकट जल संकट पैदा होगा। उन्होंने कहा कि सभी को पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधे लगाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में सभी विभागों को निर्देश दिया था कि सरकारी कार्यक्रमों में अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए उन्हें बुके ना दें। बल्कि एक-एक पेड़ दें। ताकि वह पेड़ लगाएं और पर्यावरण ठीक हो।

कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री ने स्वर्णरेखा नदी के किनारे पौधरोपण किया। यहां नदी किनारे वन विभाग ने 3111 पौधे लगाए हैं। विभिन्न अधिकारियों ने भी यहां पौधरोपण किया। इसके अलावा प्रखंड के विभिन्न ग्रामों से आई समितियों को भी मुख्यमंत्री ने उपहार स्वरूप पौधे प्रदान किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वन विभाग के प्रधान सचिव एल खियांगते के अलावा खिजरी के विधायक राजेश कच्छप, राज्यसभा सांसद धीरज साहू आदि मौजूद थे।

बता दें कि इस वर्ष वन विभाग पूरे प्रदेश में पौने दो करोड़ पौधे लगा रहा है। वन भूमि के अलावा, नदी तट व सड़कों के किनारे बड़े पैमाने पर पौधे लगाएं जाएंगे। निजी भूमि पर पौधे लगाने के लिए भी राज्य सरकार लोगों को प्रेरित कर रही है। झारखंड में कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों को देखते हुए लगातार दूसरे वर्ष वन महोत्सव को अपेक्षाकृत सादगी से मनाया जा रहा है। पूर्व के वर्षों से इतर इस वर्ष एक ही दिन सभी जिलों में वन महोत्सव का आयोजन नहीं कर सभी जिलों के लिए उनकी सुविधानुसार तिथि तय की जा रही है और यह तिथि क्या होगी, इसकी जवाबदेही भी जिलों के सुपुर्द कर दी गई है।

वन महोत्सव के दौरान पूरे प्रदेश में 200 के करीब छोटे-बड़े आयोजन किए जा रहे हैं। वन मुख्यालय की ओर से सभी जिलों के डीएफओ को इस संदर्भ में पूर्व में ही आदेश दिया जा चुका है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि वन महोत्सव के हर छोटे-बड़े आयोजन में जनप्रतिनिधि की उपस्थिति अवश्य दर्ज की जाए। इस वर्ष वनों के भीतर और बाहर करीब 29 हजार हेक्टेयर में पौने दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।

लगाए जाने वाले पौधों में जलावन, फलदार और लघु वन उपज से जुड़े पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी। वन विभाग की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो लोग विभाग की जिलों में स्थित नर्सरी से पौधे लेना चाहते हैं, वे प्रति यूनिट पांच रुपये की दर से खरीद भी सकते हैं। जन प्रतिनिधियों के अलावा वन विभाग, वन महोत्सव से पुलिस, पारा मिलिट्री, सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थाओं को भी जोड़ रहा है।

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