नदी किनारे मिली 22 फाइलों की जांच CID को, मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी हैं फाइलें Ranchi News

मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी फाइलों के मामले को सीआइडी ने नामकुम थाने से टेकओवर कर लिया है। आश्रय होम से जुड़े इस मामले में आइबी ने भी जांच शुरू कर दी है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 01 Jul 2019 09:12 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2019 12:44 PM (IST)
नदी किनारे मिली 22 फाइलों की जांच CID को, मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी हैं फाइलें Ranchi News
नदी किनारे मिली 22 फाइलों की जांच CID को, मिशनरीज ऑफ चैरिटी से जुड़ी हैं फाइलें Ranchi News

रांची, जासं। मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था निर्मल हृदय से बच्चों की खरीद-बिक्री प्रकरण के बीच नामकुम के स्वर्णरेखा नदी किनारे मिली 22 फाइलों की जांच का जिम्मा सीआइडी को मिला है। सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर सीआइडी ने केस को टेकओवर कर लिया है। फाइलें कहां से आई, फाइल में क्या जानकारी है। किस उद्देश्य से वहां फाइलों को फेंका गया है। सीआइडी ने इसका पता लगाना शुरू कर दिया है। नामकुम थाने से संबंधित फाइलों को सीआइडी जब्त करेगी।

बता दें कि बीते शुक्रवार को रांची-टाटा मुख्य मार्ग पर स्वर्णरेखा नदी किनारे फाइलें पड़ी मिली थी। जिसे नामकुम पुलिस ने जब्त कर लिया था। बताया जा रहा है कि बच्चों की बिक्री प्रकरण का खुलासा होने के बाद 16 नाबालिगों को निर्मल हृदय से हटाकर नामकुम के खिजरी स्थित आश्रय होम में भेजा गया था। वहां गर्भवती नाबालिगों की डिलीवरी भी हुई थी। इसकी डिटेल्स समाज कल्याण विभाग और पुलिस को भी भेजा गया था। फिलहाल आश्रय संस्था बंद है। पुलिस इस संस्था से फाइलों को जोड़कर देख रही है। हालांकि सीआइडी अब तक किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची है।

आइबी ने भी संचालक से ली जानकारी
मामले में आइबी के अधिकारियों ने भी जांच शुरू कर दी है। आइबी के अधिकारियों ने सोमवार को मामले की जानकारी आश्रय होम के संचालक मंतोष तिवारी से भी जानकारी ली है। हालांकि संचालक को फाइलों से संबंधित कोई जानकारी नहीं है। जबकि 22 फाइलें लावारिस हालत में मिलने पर सवाल उठता है कि आखिर फाइलों को क्यों फेंका गया। पुलिस भी इसी सवाल का जवाब ढूंढ रही है। इसकी जानकारी सीआइडी के एडीजी के आदेश पर इस पूरे प्रकरण में नामकुम थाने में लिखित शिकायत की गई थी। इसके बाद अब मामले को सीआइडी ने ही टेकओवर कर लिया है। बताते चलें कि सीआइडी की टीम मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले की जांच के सिलसिले में बीते 20 मई को आश्रय होम गई थी तो वहां ताला लटका था। इसपर जानकारी मिली है कि संस्था के संचालन की अवधि समाप्त होने के बाद बंद कर दिया गया है। वहां अब प्रशिक्षण केंद्र खुलना है।

कहीं शिशु भवन से जुड़ी फाइलें तो नहीं
बच्चों की बिक्री प्रकरण उजागर होने के बाद 6 जुलाई 2018 को  मिशनरीज ऑफ चैरिटी से हिनू में संचालित शिशु भवन में सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची थी। टीम ने वहां रखे गए 22 बच्चों को रेस्क्यू कर अपनी सुरक्षा में लिया था। उनके बच्चों की फाइलें बनी थी। बाद में बच्चे खूंटी के शेल्टर होम में शिफ्ट किए गए थे। कहीं ये फाइलें उन्हीं 22 बच्चों से संबंधित तो नहीं। सीआइडी हर पहलु से जोड़कर देख रही है।

नामकुम थाने में दर्ज किया गया सनहा
नामकुम के स्वर्णरेखा नदी किनारे मिली आश्रय होम की 22 फाइल मिलने के मामले में सनहा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही फाइलों को मालखाने में सुरक्षित रखा गया है। मामले में केतारी बागान के रहने वाले रोहित कुमार पिता राजेंद्र सिंह के बयान पर सनहा दर्ज किया गया है। रोहित कुमार ने बताया कि 28 जून की दोपहर लगभग तीन बजे अपने घर से नामकुम बाजार की ओर जा रहे थे। इसी क्रम में केतारी बगान स्वर्णरखा नदी के किनारे कई फाइलें फेंकी मिली। पास जाकर देखा तो वहां 22 फाइलें पड़ी थी।

इन फाइलों पर आश्रय होम, साउथ बिहार वेलफेयर सोसायटी फॉर ट्राइबल, हाउस नंबर 134 , खूंटी भवन साउथ ऑफिस पाड़ा डोरंडा रांची लिखा था। सारे फाइलों को रोहित कुमार थाना ले गए और पुलिस को सौंप दिया था। थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि सभी 22 फाइलों को मालखाना में सुरक्षित रखा गया है। वहीं मामले की जानकारी वरीय अधिकारियों एवं पूर्व से जांच कर रहे सीआइडी के एडीजी को दे दी गई है। 

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