Jharkhand: दिव्यांगों की बैसाखी और जरूरतमंदों के मददगार बने अमरदीप, पढ़ें इनकी समाजसेवा की कहानी

Jharkhand Bokaro News मानव सेवा आश्रम के दिव्यांग बच्चों के लिए भी पाठ्य सामग्री और पोशाक उपलब्ध कराते हैं। ठंड के इस मौसम में उन्होंने गर्म कपड़े की भी व्यवस्था की। समय-समय पर ऐसे जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 02:56 PM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 03:03 PM (IST)
Jharkhand: दिव्यांगों की बैसाखी और जरूरतमंदों के मददगार बने अमरदीप, पढ़ें इनकी समाजसेवा की कहानी
गरीब बच्‍चों को भोजन प्रदान देते अमरदीप। जागरण

बोकारो, [राममूर्ति प्रसाद]। पेट्रोल पंप डीलर सह समाजसेवी कुमार अमरदीप झारखंड के चास-बोकारो के जरूरतमंदों के मददगार और दिव्यांगों के सहारा बने हुए हैं। कोई भूखा न रहे और गरीबों के बच्चों को शिक्षा मिलती रहे, यही उनका मकसद है। वह बोकारो में बिरसा मुंडा निशुल्क विद्यालय के गरीब बच्चों के बीच नियमित रूप से पाठ्य सामग्री बांटते हैं। मानव सेवा आश्रम के दिव्यांग बच्चों के लिए भी पाठ्य सामग्री और पोशाक उपलब्ध कराते हैं। ठंड के इस मौसम में उन्होंने गर्म कपड़े की भी व्यवस्था की। समय-समय पर ऐसे जरूरतमंदों को भोजन कराते हैं। अमदीप कहते हैं कि गरीब लोगों की सेवा करने के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता है, क्योंकि वे समाज के अभिन्न अंग हैं। मानव सेवा ही ईश्वर की आराधना है।

तीन माह तक हर दिन 400 गरीबों को भोजन

कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई। इसका असर बोकारो के विभिन्न सेक्टर की झोपड़पट्टियों में रहने वाले गरीबों पर भी पड़ा। इनके पास न तो लाल कार्ड है और न ही अन्य सरकारी सुविधाएं। कुमार अमरदीप को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने इन गरीबों को हर दिन भोजन कराने का निर्णय लिया। इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन लिमिटेड के विक्रय पदाधिकारी एसएन रमन से भी सहयोग की बात की। वह सहर्ष तैयार हो गए।

अन्य डीलर ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया। फिर बोकारो के आसस विद्यालय, जयपाल नगर में लंगर लगवाया। यहां इस झोपड़पट्टी में रहने वाले 400 आदिवासी लोगों के लिए दो वक्त के भोजन की व्यवस्था की गई। तीन महीने तक इन आदिवासी मजदूरों को भोजन कराया गया। लॉकडाउन की अवधि तक यह व्यवस्था रही। शुरुआत में 26 से 31 मार्च तक मुख्यमंत्री दाल-भात केंद्र में गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था की। इस मद में उन्होंने पैसे का भुगतान किया। दुंदीबाद झोपड़पट्टी में रहने वाले गरीब लोगों को राशन दिया।

बताते हैं कि सफाई मित्र व कुलियों की भी स्थिति खराब थी। इसलिए को-ऑपरेटिव काॅलोनी में कार्यरत सफाई मित्रों व बोकारो रेलवे स्टेशन के कुलियों के बीच राशन का वितरण किया। वह चास-बोकारो चैंबर ऑफ काॅमर्स के सदस्य भी हैं। इस संस्था के साथ मिलकर इन्होंने चास-बोकारो के विभिन्न मोहल्ले में रहने वाले लगभग चार हजार जरूरतमंदों को आटा, दाल, चावल, आलू, सरसों तेल, नमद आदि उपलब्ध कराया। ओल्ड जेवियरन्स एसोसिएशन व भारत विकास परिषद् बोकारो से भी मदद मिली। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान हर दिन झोपड़पट्टी के लोगों की सुध ली, ताकि कोई भूखा न रहे।

'समाजसेवी कुमार अमरदीप स्कूल में अध्ययनरत गरीब बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं। नियमित रूप से इनके लिए पाठ्य सामग्री, जूता, मोजा, गरम कपड़ा, स्कूल ड्रेस आदि की भी व्यवस्था करते हैं।' -परशुराम राम, संस्थापक बिरसा मुंडा निशुल्क विद्यालय, सेक्टर 12 ए।

समाजसेवी कुमार अमरदीप आश्रम में अध्ययनरत दिव्यांग बच्चों को नियमित रूप से स्कूल ड्रेस, जूता मोजा के अलावा पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा समय-समय पर इन्हें भोजन उपलब्ध कराते हैं। इनका प्रयास सराहनीय है। -महेंद्र प्रसाद, संचालक मानव सेवा आश्रम, सेक्टर पांच।

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