4000 पंचायतों तक प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचाएगा भाजपा एसटी मोर्चा

रांची भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा पूरे राज्य की लगभग चार हजार पंचायतों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र को पहुंचाने का काम करेगा। गुरुवार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मोर्चा कार्यकर्ताओं को यह टास्क सौंपा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Jun 2020 02:05 AM (IST) Updated:Fri, 12 Jun 2020 02:05 AM (IST)
4000 पंचायतों तक प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचाएगा भाजपा एसटी मोर्चा
4000 पंचायतों तक प्रधानमंत्री का पत्र पहुंचाएगा भाजपा एसटी मोर्चा

रांची : भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा पूरे राज्य की लगभग चार हजार पंचायतों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र को पहुंचाने का काम करेगा। गुरुवार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मोर्चा कार्यकर्ताओं को यह टास्क सौंपा। बाबूलाल साहिबगंज की जिला जनजाति संपर्क रैली को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज के विकास से ही राज्य का विकास संभव है। मोदी सरकार ने आदिवासियों के हित के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए है। उन्होंने कहा कि इस मौके पर कार्यकर्ताओं को कुछ टास्क भी सौंपे। कहा, मोर्चा प्रदेश के 28 आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में एकदिवसीय सम्मेलन करेगा। वाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता को भी जोड़ने का कार्य मोर्चा करेगा। व्यक्तिगत संपर्क के दौरान मोर्चा कार्यकर्ता मास्क, सैनिटाइजर व पत्र वितरण के लिए कमेटी बनाकर घर-घर पहुंचेंगे। बाबूलाल ने कहा कि मोर्चा जनजाति समाज के लिए सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट नौकरी में भी बेरोजगार युवकों के लिए आरक्षण की माग उठाए। इसके साथ ही ग्राम सभा को सुदृढ़ कर पंचायत स्तर से गांव के लोगो को माइंस, बालू, जंगल आदि पर अधिकार के लिए भी आवाज उठाए। इस मौके पर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार पाहन, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक बड़ाईक, पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर, प्रदेश महामंत्री बिंदेश्वर उरांव, भोगेंन सोरेन भी उपस्थित थे।

---------- बाबूलाल बोले, राज्य सरकार सभी गरीब बच्चों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराए

रांची : भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने निजी स्कूलों के बच्चों से मुकाबले के लिए गरीब बच्चों को स्मार्ट फोन मुहैया कराने की मांग राज्य सरकार से की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रेषित पत्र में उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार द्वारा सभी गरीब बच्चों को स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि इस नए डिजिटल माहौल में गरीब बच्चों के लिए संसाधन बाधक नहीं बन सके। पढ़ाई से जुड़े विषय यूट्यूब और वीडियो के माध्यम से उसी फोन में अपलोड हों। साथ ही, डाटा कंपनियों से बात कर जरूरत भर न्यूनतम डाटा भी उपलब्ध कराना चाहिए। निजी विद्यालय के बच्चे इस कोरोना काल में भी समय के साथ अपडेट चल रहे हैं और ऐसा नहीं हो कि संसाधनों की कमी के कारण सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ाई और तकनीक में काफी पीछे रह जाएं। तर्क दिया कि परिस्थति और बदलते जमाने के साथ राज्य के गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए संसाधन उपलब्ध कराना समय की जरूरत है। सरकारी विद्यालय के बच्चे भी निजी स्कूल के बच्चों से कमतर नहीं रहें, इसके लिए राज्य सरकार को बच्चों को सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।

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