छह माह से रची जा रही थी अपहरण की साजिश, रवि ने तैयार किया प्लान

भाजपा नेता मदन सिंह के बेटे शिवम सिंह के अपहरण की साजिश छह माह से रची जा रही थी।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 24 Sep 2017 03:10 PM (IST) Updated:Mon, 25 Sep 2017 09:48 AM (IST)
छह माह से रची जा रही थी अपहरण की साजिश, रवि ने तैयार किया प्लान
छह माह से रची जा रही थी अपहरण की साजिश, रवि ने तैयार किया प्लान

 जागरण संवाददाता, रांची। रांची से भाजपा नेता मदन सिंह के बेटे शिवम सिंह के अपहरण की साजिश छह माह से रची जा रही थी। अंतरराज्यीय स्तर पर अपहरण का उद्योग चलाने वाले कुख्यात चंदन सोनार ने अपने राइट हैंड राकेश सिंह उर्फ जॉन को इसका जिम्मा सौंपा था।

राकेश के इशारे पर ही पूरी टीम तैयार हुई। लोकल लिंक के तौर पर गेम प्लान चुटिया के रवि चड्डा ने तैयार किया था। रवि चड्डा अपराधी मनोज चड्डा का भाई है। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस में इन बातों का खुलासा किया। इस मामले में गिरफ्तार अपराधियों को मीडिया के सामने पेश किया गया। इनमें सुखदेव नगर निवासी कुख्यात बिट्टू पांडेय उर्फ सुजीत उपाध्याय, रणविजय सिंह, चाईबासा के कांग्रेस नेता अशोक सुंडी, चुटिया निवासी मुकेश कुमार सिंह उर्फ खल्ली, छोटू यादव, धर्मेद्र कुमार, बरियातू निवासी ब्रजेश कुमार उर्फ छोटू उर्फ मुन्ना, खल्ली की प्रेमिका पुंदाग निवासी आलिया खान समेत 14 आरोपी शामिल हैं।

छात्रों को अगवा करने में गोविंद, राकेश, गौतम, बिट्टू समेत कई अन्य की मुख्य भूमिका थी। रवि चड्डा ने छोटा बेटा होने पर फिरौती की रकम मिलने की पूरी संभावना को देखते हुए शिवम को ही टार्गेट किया था। चूंकि उसकी मां भी नहीं थी, इससे पिता टूट कर पैसे दे सकते थे। रवि चड्डा ने राकेश के इशारे पर वाहन की व्यवस्था करने, जाने के लिए सुगम रास्ते का चयन, इंजेक्शन की व्यवस्था, आलिया को सेट करने समेत सभी चीजों की व्यवस्था की थी। इस गेम प्लान में आलिया को हनी ट्रैप की माशूका बनाया गया था। शिव को प्रेम जाल में फांसकर एक निश्चित जगह लाने के लिए उसे पांच लाख रुपये मिलने थे।

इधर, पुलिस अब भी चंदन सोनार, राकेश सिंह, रवि चड्डा समेत अन्य की तलाश में छापामारी कर रही है। कई को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। चर्चा है कि प्लानिंग के दौरान चंदन सोनार रांची भी पहुंचा था, लेकिन पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। सुजीत व राकेश ने फिरौती के लिए किए कॉल सुजीत व राकेश 20 करोड़ की फिरौती के लिए परिजनों को कॉल करते थे। कॉल करने के लिए शिवम व अन्य छात्रों के ही फोन का इस्तेमाल करते थे। हालांकि पुलिस को चकमा देने के लिए उन लोगों ने मोबाइल के लोकेशन को लगातार बदला। इसके बावजूद पुलिस ने अपहर्ताओं के मोबाइल को सर्विलांस पर रख छात्रों को रखे जाने वाली जगह का पता लगाया।

पुलिस को अपहर्ता समझ बैठे थे तीनों छात्र :

तीनों अपहृत छात्रों को अपहर्ता जब चाईबासा के गोइलकेरा आराहासा गांव के खंडहरनुमा घर से उठाकर एक टाटा मैजिक वाहन से भूता गांव स्थित अशोक सुंडी के घर ले जा रहे थे, उसी दौरान पुलिस सूचना मिलने पर वहां पहुंची और घेर कर पकड़ लिया। इस दौरान पुलिस ने जब सभी को हाथ ऊपर करने के लिए कहा, तो छात्र पुलिस को अपहर्ता समझ कर भयभीत हो गए थे। सभी उन्हें नक्सली समझ कर रोने लगे थे। बच्चों से रांची एसएसपी ने जब फोन पर बात की और बताया कि वे पुलिस वाले हैं, उन्हें मुक्त कराने पहुंचे हैं, तब बच्चों ने राहत की सांस ली।

एसएसपी के मुताबिक अपहर्ताओं को ट्रेस करने के लिए पुलिस पिछले एक सप्ताह से योजना बना रही थी। इलाके के सभी निकासी और प्रवेश पर निगरानी लगाकर उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने का इंतजार कर रही थी। जैसे अपहर्ता छात्रों को लेकर निकले, सभी पकड़े गए। छापामारी टीम में ये थे शामिल एसएसपी के अलावा एडीजी अभियान आरसी मिश्रा, रमण, कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह, मुख्यालय दो के डीएसपी विजय कुमार सिंह, सदर थानेदार दयानंद कुमार समेत रांची व चाईबासा जिले के कई डीएसपी, प्रशिक्षु डीएसपी, थानेदार व सिपाही शामिल थे। इस पूरे ऑपरेशन में कोल्हान डीआइजी साकेत कुमार सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसपी साहब का नाम ले किया था अगवा : पांच सितंबर को शिवम सिंह (15 वर्ष) मौसेरा भाई गौरव सिंह (16 वर्ष) व अभिषेक उर्फ शैंकी (21 वर्ष) को नगड़ी ¨रग रोड के बालालौंग से अपहरण किया गया था।

तीनों का अपहरण रेकी के बाद किया गया था। रेकी के बाद स्कॉपिर्यो व रिट्ज कार से ओवरटेक कर छात्रों की कार को रोक लिया गया था। इसके बाद लड़की छेड़ने का आरोप लगाकर कहा, तुम लोगों को एसपी साहब बुला रहे हैं और अपनी स्कॉपिर्यो में बैठा लिया। इसके बाद बेहोशी का इंजेक्शन दिया। यहां से खूंटी के रास्ते सभी को चाईबासा के गोईलकेरा ले गए। रेकी में रामगढ़ के आजसू नेता ठेखारी लाल गुप्ता की कार का इस्तेमाल हुआ था। अपहर्ताओं की तैयारी केवल शिवम सिंह को उठाने की थी, लेकिन उसके साथ रहने की वजह से गौरव व शैंकी का भी अपहरण कर लिया गया।
 

रांची से अगवा तीन छात्र चाईबासा से बरामद, कांग्रेस व आजसू नेता समेत 14 गिरफ्तार

रांची के चुटिया से 5 सितंबर को अगवा भाजपा नेता मदन सिंह के पुत्र शिवम सिंह (15) समेत तीन छात्रों को पुलिस ने शुक्रवार को चाईबासा के बरकेला से बरामद कर लिया। बरामद दो अन्य छात्रों में शिवम सिंह के मौसेरे भाई गौरव सिंह (16) और अभिषेक उर्फ शैंकी (21) शामिल हैं। अपहरण के इस मामले में रामगढ़ के आजसू नेता केशरी लाल गुप्ता और कांग्रेस नेता अशोक सुंडी समेत 14 आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है। हालांकि, अपहरण कांड का मास्टर माइंड चंदन सोनार अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

अपहरण के बाद तीनों छात्रों को 19 दिनों तक गोइलकेरा आराहासा गांव स्थित कांग्रेस नेता अशोक सुंडी के घर पर रखा गया था। सूत्रों की मानें तो सुंडी चाईबासा से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। सुंडी के आवास से दूसरी जगह शिफ्ट करने के दौरान एन वक्त पर कोल्हान डीआइजी साकेत सिंह के नेतृत्व में पुलिस पहुंची और छात्रों को मुक्त करा लिया। मौके से पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तार लोगों की निशानदेही पर अलग-अलग जगह से अन्य नौ को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार अपराधियों के पास से दो देसी कट्टा और एक पिस्तौल बरामद की गई है। इनकी गिरफ्तारी के बाद भी अपहरण कांड में शामिल रहे अन्य की तलाश में छापेमारी अभी जारी है। छापेमारी टीम में रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी व पश्चिमी सिंहभूम एसपी अनीस गुप्ता के अलावा स्थानीय पुलिस भी मौजूद थी। इधर, चर्चा है कि छात्रों को मुक्त कराने के लिए भाजपा नेता ने बीस लाख रुपये भी दिए हैं। हालांकि पुलिस इससे इन्कार कर रही है।

इंजेक्शन देकर किया था अपहरण

अपहर्ताओं ने तीनों छात्रों के सामने खुद को पुलिस बताते हुए बंदूक तान दी, फिर स्कार्पियो में बैठा लिया। स्कार्पियो में बैठाने के बाद तीनों को इंजेक्शन दी गई। इसके बाद खूंटी के रास्ते सीधे चाईबासा के गोइलकेरा ले गए। इस दौरान इंजेक्शन का असर खत्म होने पर उन्हें नींद की सीरप पिलाई गई थी। जब तीनों की नींद खुली तो, एक खंडहरनुमा घर में पाया। यह मकान कांग्रेस नेता सुंडी का है।

इनकी हुई गिरफ्तारी :

रामगढ़ के आजसू नेता केशरी लाल गुप्ता, कांग्रेस नेता अशोक सुंडी, रजनीश चौधरी, राजेश देवगम, तुलसी दास कोड़ा, ब्रजेश कुमार, बिट्टू पांडे उर्फ सुजीत उपाध्याय, सुखदेव कोड़ा एवं भाई वीरेन्द्र कोड़ा को गिरफ्तार किया गया है। इनकी ही निशानदेही पर अन्य की भी गिरफ्तारी हुई है।

अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त हुए छात्र।

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