भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में रांची के किस स्कूल के बच्चों ने किया टॉप

Bharat Vikas Parishad भारत विकास परिषद की ओर से राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता का आयोजन राजधानी रांची में किया गया। इस आयोजन में रांची के 9 विद्यालय के बच्चों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में किस स्कूल के बच्चों ने टॉप किया जानिए...

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 17 Oct 2022 08:22 AM (IST) Updated:Mon, 17 Oct 2022 08:24 AM (IST)
भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में रांची के किस स्कूल के बच्चों ने किया टॉप
Bharat Vikas Parishad: भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता।

रांची, जासं। Bharat Vikas Parishad भारत विकास परिषद की ओर से रविवार को रांची में आयोजित राष्ट्रीय समूह गान प्रतियोगिता में देश भक्ति गीतों की धारा बहती रही। कार्यक्रम में उपस्थित लोग देश भक्ति की भावना से ओत प्रोत होते रहे। प्रतियोगिता में शामिल रांची महानगर के नौ स्कूलों के बच्चों ने राष्ट्रीय चेतना के स्वर पुस्तक से ली गई एक से बढ़कर एक देशभक्ति गीत हिंदी और संस्कृत दोनों भाषाओं में गाए।

पहले स्थान पर डीपीएस, रांची

प्रतियोगिता में पहले स्थान पर रहने वाले डीपीएस, रांची के बच्चे जब हिंदी में रक्त शिराओं में राणा का रह रह आज हिलोरे लेता, मातृभूमि का कण कण तृण तृण हमको आज निमंत्रण देता गीत गाने लगे तब हाल में उपस्थित लोग मंत्रमुग्ध हो गए। इन बच्चों ने संस्कृत में समीहताम वंदना विधीयताम गीत गाया।

दूसरे स्थान पर ब्रिजफोर्ड स्कूल

वहीं ब्रिजफोर्ड स्कूल के बच्चे दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने हिंदी में अपनी धरती, अपना अंबर अपना हिंदुस्तान। हिम्मत अपनी, ताकत अपनी अपना वीर जवान गीत पर लोगों को झूमा दिया। संस्कृत में जय भारत जननी गीत गया।

तीसरे स्थान पर डीएवी बरियातू

तीसरे स्थान पर डीएवी बरियातू के बच्चे रहे। उनके हिंदी में गाए गीत सागर वसना पावन देवी सरस सुहावन भारत मां, हिमगिरि पीन पयोधर वत्सल, जन जन भावन भारत मां पर तालियों की आवाज से हाल गूंजने लगा। वहीं संस्कृत में मनसा सततं स्मरणीयम गीत गाकर श्रोताओं को आह्लादित कर दिया।

विवेकानंद विद्या मंदिर के बच्चों को सांत्वना पुरस्कार

सांत्वना पुरस्कार विवेकानंद विद्या मंदिर के बच्चों को दिया गया। सभी ग्रुपों को दोनों भाषाओं में गीत गाना था। झारखंड के कई स्थानों पर हुई इस प्रतियोगिता के तहत चयनित बच्चों की प्रांत स्तरीय प्रतियोगिता छह नवंबर को रांची में होगी। प्रतियोगिता का आयोजन सेक्टर दो, एचईसी स्थित विवेकानंद विद्या मंदिर के सभागार में किया गया था।

बच्चों में देश भक्ति की भावना जगाना मुख्य उद्देश्य

राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य गीत के माध्यम से बच्चों में देश भक्ति की भावना जगाना है। पूरे देश से 5500 से अधिक स्कूलों के बच्चे इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हैं। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान के भीलवाड़ा में होगा।

राष्ट्र के लिए समर्पण की है जरूरत

कार्यक्रम के प्रारंभ में उदघाटन के अवसर पर झारखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विजय पांडेय ने कहा कि जो भी हम अच्छा काम करते हैं वह देश भक्ति ही है। वहीं भारत विकास परिषद के झारखंड के पालक गिरीश प्रसाद सिंह ने कहा कि राष्ट्र के लिए समर्पण की जरूरत है। इसके लिए यह सभी लोगों को आगे आना होगा, खास कर युवाओं को। विवेकानंद विद्या मंदिर की प्राचार्या किरण द्विवेदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचारों को भारत विकास परिषद आगे बढ़ा रहा है। शाखा सचिव गोविंद प्रसाद सिंह ने स्वागत भाषण किया।

कार्यक्रम में ये लोग हुए शामिल

कार्यक्रम में प्रांत अध्यक्ष गजेंद्र नारायण सिंह, महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा, रांची महानगर सचिव डा शशांक पुष्कर, महानगर अध्यक्ष भोलानाथ सहाय, महानगर संयोजक एचपी भगत, भारत भूषण, बिमला पांडेय, प्रबाल विश्वास, लक्ष्मी कुमारी, संयोजक सतीश चंद्रा, गौरव पाण्डेय, राजमुनि सिंह और संबित सागर त्रिपाठी सहित शहर के सैकड़ों गण्यमान्य लोग और स्कूलों के शिक्षक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संदीप कुमार ने किया। प्रतियोगिता में शामिल कई बच्चों ने कहा कि इस तरह का आयोजन होना चाहिए।

इन स्कूलों के बच्चों ने लिया भाग

मनन विद्या मंदिर, ब्रिजफोर्ड स्कूल तुपुदाना, एसआर डीएवी पुंदाग, डीएवी हेहल, डीएवी गांधी नगर, डीपीएस रांची, विवेकानंद विद्या मंदिर, डीएवी नंदराज और डीएवी बरियातू।

तीन सदस्यीय थी निर्णायक मंडली

प्रतियोगिता में निर्णय लेने वाली तीन सदस्यीय निर्णायक मंडली थी। तीनों जज अलग-अलग अंक दे रहे थे। अंत में तीनों जजों के अंकों को मिलाकर परिणाम की घोषणा की गई। पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए सभी टीमों की कोडिंग की गई थी। मंच पर गायन के समय किस स्कूल के बच्चे हैं यह नहीं बताया गया। जज के रूप में रांची की कल्पिता दास और रामगढ़ के नीरज कुमार पाठक व रविशंकर मिश्रा थे।

हिंदी में इन गीतों को बच्चों ने गाया

क्रांति की मशाल से मशाल को, देश के जवान तू जलाए जा। सूरज बदले, चंदा बदले, बदल चाहे ध्रुवतारा। पर भारत की आन न बदले, यह संकल्प हमारा। गीत खुशी के गुणगुणाते बढ़ते जाएं हम, मुस्कुराने की कला सबको सीखलाएं हम। भारत मां की संतानें हम शीष झुकाना क्या जाने। संग्राम जिंदगी है लड़ना उसे पड़ेगा। जो लड़ नहीं सकेगा आगे नहीं बढ़ेगा। जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है इसके वास्ते ये तन है, मन है और प्राण है।
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