कास्ट प्रोजेक्ट के जरिये कृषि गुणवत्ता बढ़ाने का प्रशिक्षण देगा बीएयू

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में कास्ट का प्रीलॉच कार्यक्रम शनिवार को आयोजित किया गया। देश का पहला विश््वविद्यालय है जिसे व‌र्ल्ड बैंक ने राशि दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 03:04 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 03:04 AM (IST)
कास्ट प्रोजेक्ट के जरिये कृषि गुणवत्ता बढ़ाने का प्रशिक्षण देगा बीएयू
कास्ट प्रोजेक्ट के जरिये कृषि गुणवत्ता बढ़ाने का प्रशिक्षण देगा बीएयू

जागरण संवाददाता, रांची : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में समेकित कृषि प्रणाली आधारित सेंटर फॉर एडवास्ड हायर एजुकेशन प्रोजेक्ट (कास्ट) का प्रीलाच कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को किया गया। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कास्ट प्रोजेक्ट के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर डॉ पीके घोष ने कहा कि यह दुनिया में पहली ऐसी परियोजना है जिसे उच्च शिक्षा के लिए वर्ड बैंक ने फंड दिया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण कृषि शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। इसका लाभ स्नातकोत्तर छात्र, शिक्षक, वैज्ञानिक एवं किसानों को मिलेगा। इसके तहत छात्र और शिक्षकों को देश विदेश के नामी संस्थाओं में प्रशिक्षण के लिए भेजा जायेगा।

देश का एक मात्र विवि जहां कास्ट परियोजना की मिली है स्वीकृति : कुलपति

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ आरएस कुरील ने कहा कि बीएयू देश का एक मात्र विश्वविद्यालय है, जहां 23 करोड़ की इस कास्ट परियोजना की स्वीकृति मिली है। यह परियोजना आइसीएआर की है जिसे व‌र्ल्ड बैंक के द्वारा फंड दिया गया है। इसके अधीन राज्य के सभी 24 जिलों में एक- एक समेकित कृषि मॉडल को विकसित किया जायेगा। मॉडल में कृषि के साथ कृषि वानिकी, कुकुट, बकरी, सूकर, मधु मख्खी पालन आदि को शामिल किया जायेगा।

राज्य में 14 फीसद सिंचाई की है सुविधा

डॉ आरएस कुरील ने कहा कि राज्य में 10-15 लाख टन खाद्यान उत्पादन की कमी है। राज्य में करीब 14 फीसद सिंचाई की सुविधा है, इसके शोध कार्यक्रमों से सिंचाई के अन्य साधनों को विकसित करने में मदद मिलेगी। योजना में किसानों की आय दोगुनी करने के नवीन तकनीकों पर भी शोध कार्य किया जायेगा। इस अवसर पर परियोजना प्रधान के चीफ कोऑर्डिनेटर डॉ एमएस मल्लिक, डॉ एमएस यादव, डॉ डीएन सिंह, डॉ एमपी सिन्हा, डॉ एमके गुप्ता, सहित विश्वविद्यालय वैज्ञानिक, किसान, स्वंयसेवी संस्था एवं उद्योगों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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