व्यापारियों से किस्तों में ऋण की वसूली करे बैंक

एफएमसीजी सेक्टर के व्यापार में पिछले पांच महीनों में 40 प्रतिशत की कमी हुई है। इसलिए सरकार को कर्ज में छूट देनी चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 07 Sep 2020 01:28 AM (IST) Updated:Mon, 07 Sep 2020 06:16 AM (IST)
व्यापारियों से किस्तों में ऋण की वसूली करे बैंक
व्यापारियों से किस्तों में ऋण की वसूली करे बैंक

जागरण संवाददाता, रांची : एफएमसीजी सेक्टर के व्यापार में पिछले पांच महीनों में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ बैंकों के द्वारा कर्ज के किस्त पर दी गई तीन महीने की छूट खत्म हो रही है। ऐसे में बैंक ऋण की रिकवरी के लिए परेशान कर रहे हैं। जब व्यापार इतना नीचे जा चूका है तो कोई व्यापारी एकमुश्त में बैंक को इतने पैसे कैसे देगा। तीन महीने की किस्त और ऋण एक बार में वसूली करने से व्यापारी मुश्किल में फंस जाएंगे। ऐसे में व्यापारी चाहते हैं कि स्थितियां जब तक सामान्य नहीं होती हैं, तब तक बैंक द्वारा इंस्टॉलमेंट से ही ऋण की रिकवरी की जाए। ये बातें एफएमसीजी ट्रेड उपसमिति के चेयरमैन संजय अखौरी ने एफएमसीजी व्यापार से जुडे़ व्यापारियों की समस्याओं के समाधान हेतु आयोजित बैठक में कही।

बैठक में उन्होंने कहा कि संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान डिस्ट्रीब्यूटरों ने आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता कराने का हरसंभव प्रयास किया। वर्तमान में टार्गेट के नाम पर कुछ कंपनियों द्वारा डिस्ट्रीब्यूटर्स पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। बैठक में कुछ ऐसे डिस्ट्रीब्यूटर्स भी उपस्थित थे, जिनकी कंपनियों के साथ सेटलमेंट होने में कठिनाइयां हो रही हैं। संजय अखौरी ने उन कंपनियों के उच्चाधिकारियों से सिलसिलेवार वार्ता कर समस्याओं के शीघ्र निपटारे का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जब तक पुराने डिस्ट्रीब्यूटर की ओर से एनओसी नहीं मिलता, तब तक किसी अन्य डिस्ट्रीब्यूटर्स को कार्य नहीं सौंपा जाय। कंपनी के अधिकारियों ने विवादित मामलों के निपटारे का आश्वासन दिया है।

बैठक में व्यापारियों ने बताया कि बाहर की छोटी-छोटी कंपनियां राज्य के डिस्ट्रीब्यूटर्स के पैसों का सेटलमेंट नहीं कर रही हैं। इससे व्यापारी की पूंजी ब्लॉक हो जा रही है। हालांकि इसके लिए कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूटर्स के बीच सामंजस्य बनाने की कोशिश की जा रही है। व्यापारियों की इस समस्या पर समिति की तरफ से अपील की गई कि वो जब भी किसी बाहरी कंपनी के साथ एग्रीमेंट करें तो उसकी सूचना झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स को भी उपलब्ध कराएं। डिलीवरी वैन को मिले कागजी छूट:

बैठक के दौरान व्यापारियों ने सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वाहनों के फिटनेस, लाईसेंस, निबंधन, पॉल्यूशन समेत अन्य दस्तावेजों की समय सीमा 31 दिसंबर तक विस्तारित करने के निर्णय का स्वागत किया। इसके साथ ही आग्रह किया कि झारखंड सरकार को भी डिलीवरी वैन के पॉल्यूशन, फिटनेस या अन्य पेपर वर्क पर छूट देनी चाहिए। बैठक में डिस्ट्रीब्यूटर्स ने बिग बाजार द्वारा बकाया भुगतान न करने की भी शिकायत की। बैठक में जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय मोदी, सतीष गोयल, रामबिलास गुप्ता, कृष्णा अग्रवाल, अजीत कुमार, प्रमोद पोद्दार, विवेक अग्रवाल, रोहित अग्रवाल, अरबिद पोद्दार के अलावा एफएमसीजी ट्रेड से जुडे़ कई व्यापारी उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी