अब सत्ता पक्ष ने विपक्ष को बताया अफजल गैंग, इंडियन मुजाहिदीन से भी जोड़ा

मंत्री सीपी सिंह बिफरे, कहा सुखदेंव भगत को छोड़ सारा विपक्ष देशद्रोही। -चौ

By JagranEdited By: Publish:Thu, 19 Jul 2018 09:24 PM (IST) Updated:Thu, 19 Jul 2018 09:24 PM (IST)
अब सत्ता पक्ष ने विपक्ष को बताया अफजल गैंग, इंडियन मुजाहिदीन से भी जोड़ा
अब सत्ता पक्ष ने विपक्ष को बताया अफजल गैंग, इंडियन मुजाहिदीन से भी जोड़ा

विधानसभा में घमासान

-मंत्री सीपी सिंह बिफरे, कहा सुखदेंव भगत को छोड़ सारा विपक्ष देशद्रोही

-चौथे दिन भी विधानसभा की पहली पाली में नहीं हुआ कोई कामकाज

-युवा कांग्रेस पर हुए लाठीचार्ज पर गरम हुआ सदन, पक्ष-विपक्ष में नोंकझोंक

-दूसरी पाली में विपक्ष ने कार्यवाही का किया बहिष्कार, चार विधेयक पारित राज्य ब्यूरो, रांची

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन भी पहली पाली हो-हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्ष ने युवा कांग्रेस पर हुए लाठीचार्ज समेत अन्य मसलों को उठाया। इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की तो सत्ता पक्ष ने भी जोरदार तरीके से उनका विरोध किया।

सत्ता पक्ष और विपक्ष की तीखी नोकझोंक के बीच नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए उन्हें देशद्रोही बताया। इंडियन मुजाहिदीन से उन्हें जोड़ा और स्पष्ट कहा कि ये सब लोग अफजल गैंग के लोग हैं।

सीपी की यह टिप्पणी विपक्ष को नागवार गुजरी, वे वेल में आ गए। सीपी सिंह ने सदन के बाहर भी अपनी बात को दोहराया। दूसरी पाली में भी अपनी इस बात पर अडिग रहे। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दूसरी पाली में भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा और कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वे सदन से बाहर आ गए। इस बीच चार विधेयक पारित हुए।

सदन की कार्यवाही 11.08 बजे शुरू होते ही कांग्रेस के विधायकों ने युवा कांग्रेस पर हुए लाठीचार्ज का मामला उठाया।

इस बीच सत्ता पक्ष के भी कुछ विधायक खड़े हो गए। स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि सबको बोलने का अवसर दिया जाएगा लेकिन हाउस चलेगा इसकी आप सभी गारंटी दें। आसन के निर्देश पर संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने लाठीचार्ज पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि लोकतंत्र में धरना-प्रदर्शन के लिए सभी स्वतंत्र हैं।

लेकिन सबने देखा कि किस तरह बैरिकेडिंग तोड़ी गई। पुलिस पर पत्थरबाजी की गई। उसके बाद लाठीचार्ज हुआ। स्पष्ट कहा कि किसी को कानून तोड़ने की इजाजत नहीं है। मंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष वेल में आ गया।

इस बीच सीपी सिंह ने कहा कि लाठीचार्ज नहीं कुटाई हुई है। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हम लोग बाप-दादा की कृपा पर नहीं आए हैं, हम भी सुना देंगे।

विवाद बढ़ने पर संसदीय कार्यमंत्री ने फिर दोहराया कि जब बैरिकेडिंग तोड़ी गई, पुलिस के लोग घायल हुए तब हल्का बल प्रयोग किया गया। नीलकंठ सिंह मुंडा ने मधु कोड़ा सरकार में हुए लाठीचार्ज की घटना का भी जिक्र किया।

कहा, उस समय सीपी सिंह, यशवंत सिन्हा, कड़िया मुंडा जैसे नेता घायल हुए थे, जेल भेजे गए थे। राजनीतिक दलों को संयम बरतना चाहिए, तोड़फोड़ व ¨हसा नहीं करनी चाहिए। इस बीच सत्ता पक्ष व विपक्ष में नोकझोंक जारी रही। विपक्ष बार-बार वेल में आया।

इस बीच सीपी सिंह ने हंगामे की आग में घी डालते हुए कहा कि हेमंत सोरेन व प्रदीप यादव सहित सभी विपक्षी देशद्रोही हैं।

इंडियन मुजाहिदीन और अफजल गैंग के लोग हैं। सिर्फ काग्रेस विधायक सुखदेव भगत को छोड़कर। कश्मीर के पत्थरबाजों से प्रेरणा लेकर युवा कांग्रेस के लोगों ने पत्थरबाजी की। उन्होंने हेमंत को निशाने पर लेते हुए सोहराय भवन खाली करो के नारे भी लगाए। विवाद बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। नीलकंठ बोले, सभी धर्म-संप्रदाय का सम्मान करती है सरकार

झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि ये लोग दलित, मुस्लिमों, आदिवासियों और इसाईयों को निशाने पर ले रहे हैं, उन पर अत्याचार कर रहे हैं। संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस पर भी स्थिति स्पष्ट की।

कहा, सरकार सभी धर्म संप्रदाय का सम्मान करती है। जिस विषय को हाउस में उठाया गया है उस विषय पर मुख्यमंत्री ने पहले ही जांच का आदेश दे दिया है। सीआइडी को सभी एनजीओ की जांच का आदेश दिया गया है। रिपोर्ट आने के बाद इस विषय पर चर्चा हो। कहा, सिर्फ वोट बैंक के लिए इस विषय को उठाया जा रहा है। हेमंत सोरेन ने कहा कि ये सब लीपापोती की जा रही है। इसी के साथ विपक्षी सदस्य वेल में आ गए। हेमंत बोले, लालकृष्ण आडवाणी से सीख ले सरकार

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने सदन में भाजपा सदस्यों को उनके मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी से सीख देने की नसीहत दी।

उन्होंने कहा, मार्च 2012 में कनाडा के एक टीवी चैनल ने आडवाणी जी से पूछा था कि भारत में लोकतंत्र इतना मजबूत कैसे है। तब आडवाणी जी ने कहा था कि विपरीत विचारधारा के प्रति सहनशीलता का भाव हमारी मजबूती का कारण है।

60 साल में विपरीत विचारधारा के बाद भी सार्थक बहस से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो जाता है। यही कारण है कि भारत का लोकतंत्र मजबूत है। लेकिन यहां सरकार अहंकार में है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि बहुमत हमारे पास है जो चाहे करेंगे। लटका देंगे, उठा कर फेंक देंगे जैसे शब्दों का प्रयोग होता है। ये अपनी ही पार्टी के जनक का गला घोंट रहे हैं।

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