झारखंड में आरोप-प्रत्यारोप के मंच पर होगा राजनीति का सालाना उर्स, जानें क्या चल रही तैयारी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार के 1 वर्ष पूरे होने वाले हैं । यह ऐसा मौका होता है जब सरकार उपलब्धियां गिनाती है और विपक्ष नाकामियां बताता है। साल दर साल इस मौके पर ऐसे ही आरोप प्रत्यारोप लगते हैं जो राजनीति का सालाना उर्स है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Tue, 01 Dec 2020 12:18 PM (IST) Updated:Tue, 01 Dec 2020 12:18 PM (IST)
झारखंड में आरोप-प्रत्यारोप के मंच पर होगा राजनीति का सालाना उर्स, जानें क्या चल रही तैयारी
सरकार उपलब्धियों का रिकार्ड तैयार कर रही दूसरी ओर विपक्ष भी नाकामियों की बना रहा सूची

रांची(राज्य ब्यूरो) । झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार के 1 वर्ष पूरे होने वाले हैं । यह ऐसा मौका होता है जब सरकार उपलब्धियां गिनाती है और विपक्ष नाकामियां बताने की कोशिश करता है। साल दर साल इस मौके पर ऐसे ही आरोप प्रत्यारोप लगते हैं जो राजनीति का सालाना उर्स है। एक बार फिर इसके लिए भी मंच तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी विभागों के आला अधिकारियों से अगले कुछ दिनों में बैठक कर साल भर की उपलब्धियों का रिकार्ड तैयार करेंगे और अगले साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे। दूसरी ओर विपक्ष भी पूरी तरह से तैयार दिख रहा है।

सरकार के पास गिनाने के लिए कुछ खास नहीं

सत्ता पक्ष के पास तैयारियों के बावजूद काम दिखाने के लिए कुछ खास नहीं है। सरकार बनने के कुछ दिनों बाद कोरोना का संक्रमण शुरू हो गया और सरकार ने नई पुरानी योजनाओं के लिए वित्तीय पाबंदियां लगा दीं।  इस कारण तमाम छोटे-बड़े काम रूक गए। विकास योजनाएं पूरी तरह से ठप रहीं और अब लगभग 9 महीने बाद कुछ-कुछ काम शुरू हो रहा है।

दूसरे राज्यों से मजदूर लाने का श्रेय लेकिन उनके लौटने से अपयश का जिम्मेदार कौन?

कोरोना संक्रमण काल में सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों की वापसी के लिए कई प्रबंध किए।  इसका श्रेय वह लगातार ले रही है। इसके साथ ही सरकार ने कहा था कि मजदूरों को दूसरे राज्यों में वापस जाने नहीं देंगे। यहीं पर रोजगार मिलेगा। रोजगार न मिला तो बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। लेकिन ऐसा हो नहीं सका। मजदूर वापस चले गए और इस कारण मिले अपयश का भागीदार कोई न कोई तो जरूर होगा।

भाजपा की चल रही अलग तैयारी

बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के नेता सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ने जा रहे हैं। संक्रमण काल में जो भी काम किए गए हैं उसमें से अधिसंख्य मामलों के लिए भाजपा केंद्र सरकार को क्रेडिट देती है और यहां की सरकार को कटघरे में खड़ा करती है। समय के साथ नए मोर्चे भी खुलेंगे। राजनीति पूरे महीने उफान पर होगी।

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