अलकायदा के खूंखार आतंकी कटकी-कलीमुद्दीन के निशाने पर झारखंड, अली सेना के जरिये बढ़ा रहा था नेटवर्क

Al Qaeda. एटीएस के हत्थे चढ़ा कलीमुद्दीन सहित अन्य के सहयोग से खूंखार उग्रवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी रांची लोहरदगा जमशेदपुर गिरिडीह सहित कई जिलों में कैंप कर चुका है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 10:00 AM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 10:00 AM (IST)
अलकायदा के खूंखार आतंकी कटकी-कलीमुद्दीन के निशाने पर झारखंड, अली सेना के जरिये बढ़ा रहा था नेटवर्क
अलकायदा के खूंखार आतंकी कटकी-कलीमुद्दीन के निशाने पर झारखंड, अली सेना के जरिये बढ़ा रहा था नेटवर्क

रांची, जेएनएन। एटीएस के हत्थे चढ़ा कलीमुद्दीन सहित अन्य के सहयोग से खूंखार उग्रवादी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी रांची, लोहरदगा, जमशेदपुर, गिरिडीह सहित कई जिलों में कैंप कर चुका है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों के युवाओं को ब्रेन वाश करने के लिए तकरीर और भड़काऊ भाषण के लिए कई कैंप का आयोजन किया जा रहा था। लोगों को अलकायदा में शामिल होने के लिए उकसाया जा रहा था। यह गतिविधि वर्ष 2010 से 2014 के बीच तेज थी। इन गतिविधियों की जानकारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सहित कई खुफिया एजेंसी को मिलने के बाद रांची में जांच शुरू की गई थी।

दिसंबर 2015 में जब आतंकी अब्दुल रहमान उर्फ कटकी ओडिशा से पकड़ा गया था तब पूछताछ में स्वीकारा था कि झारखंड में अली सेना को जिंदा कर उसे अलकायदा से जोडऩे की फिराक में था। हालांकि अली सेना राज्य में वर्ष 1997 से 2000 के बीच सक्रिय था। वह उसी संगठन की मदद से झारखंड में पैठ जमाने की कोशिश में था। कलीमुद्दीन के अलावा कटकी के संपर्क में चान्हो के कई अन्य लोग भी थे। एटीएस ने फिर से रांची में अलकायदा से जुड़ी हर गतिविधियों को खंगालना शुरू कर दिया है।

यहां चिह्नित हुए थे कटकी के बेस कैंप

रांची- चान्हो, मांडर, नरकोपी, चटवल, करंजी और टांगरबसली। लोहरदगा- सदर इलाका, भंडरा, कुडू और किस्को गिरिडीह- डुमरी जमशेदपुर- धातकीडीह और आजाद बस्ती

2011 में आतंकी गतिविधि में उछला था रांची का नाम

बड़ोदरा में जून 2011 में जब रांची के बरियातू निवासी दानिश की गिरफ्तारी हुई, उसके बाद आतंकी गतिविधियों में रांची का नाम सामने उछला था। इससे पूर्व रांची का आतंकी कनेक्शन सामने नहीं आया था। दानिश के बाद रांची के बरियातू के ही मंजर इमाम और उसके बाद आठ अन्य युवकों की आतंकी गतिविधियों में एनआइए गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद से अलग-अलग समय रांची से आतंक के तार जुड़ते रहे हैं।

वर्ष-2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद इंडियन मुजाहिदीन का हाथ सामने आया था। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों में दो आतंकियों के रांची के होने की बात सामने आई थी, जिसमें एक का नाम दानिश और दूसरे का नाम मंजर इमाम बताया गया था। अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने जब दानिश के ई-मेल को खंगाला तो पता चला था कि दानिश ने रांची के इमामुद्दीन नामक व्यक्ति के सहयोग से रांची के 24 युवाओं को इंडियन मुजाहिदीन से जोड़ा था।

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