जमीन के बदले दिए गए मुआवजे की खुलेगी पोल, भू-अर्जन की कुंडली खंगालेगा एजी

राज्‍य सरकार का महालेखाकार कार्यालय भू-अर्जन कार्यालयों के माध्यम से जमीन के बदले दिए गए मुआवजे से संबंधित गड़बडिय़ों की जांच करेगी।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 23 Oct 2018 12:10 PM (IST) Updated:Tue, 23 Oct 2018 12:10 PM (IST)
जमीन के बदले दिए गए मुआवजे की खुलेगी पोल, भू-अर्जन की कुंडली खंगालेगा एजी
जमीन के बदले दिए गए मुआवजे की खुलेगी पोल, भू-अर्जन की कुंडली खंगालेगा एजी

रांची, राज्य ब्यूरो। महालेखाकार कार्यालय का अंकेक्षण दल राज्य के आठ जिलों के भू-अर्जन कार्यालय की कुंडली खंगालेगा। संबंधित दल इस दौरान रांची समेत हजारीबाग, गोड्डा, धनबाद, साहिबगंज, गिरिडीह, रामगढ़ एवं देवघर जिले के संबंधित कार्यालयों की अबतक के परफार्मेंस की जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

माना जा रहा है कि महालेखाकार कार्यालय की इस कार्रवाई से भू-अर्जन कार्यालयों के माध्यम से जमीन के बदले दिए गए मुआवजे से संबंधित गड़बडिय़ों की पोल खुलेगी। बहरहाल, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने इससे संबंधित निर्देश चिह्नित जिलों को भेजा है।

विभाग ने इसी तरह राज्य के निबंधन कार्यालयों में निबंधित भूमि से संबंधित दस्तावेजों की स्कैनिंग और डिजिटलाइजेशन के लिए जिलों को जमीन चिह्नित करने का टास्क सौंपा है। उपायुक्तों को भेजे गए इस आशय के पत्र में इसे गंभीरता से लेने तथा स्कैनिंग और डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया हर हाल में नवंबर-2018 से जनवरी-2019 के बीच पूरा करने को कहा है।

विभाग ने इसी तरह मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान, डाकुवा आदि के समानांतर कार्य करने वाले लोगों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि उन्हें निर्धारित मानदेय दी जा सके।

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