शिक्षकों की नियुक्ति रद करने के मामले में राज्यपाल ने ली महाधिवक्ता से जानकारी

रांची नियोजन नीति तथा 13 जिलों में हाई स्कूल शिक्षकों की हुई नियुक्ति को रद करने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश से हजारों युवाओं के बेरोजगार होने का मामला राजभवन पहुंचा है। राज्यपाल ने राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक नियुक्ति संबंधी पारित आदेश से संबंधित तथ्यों को स्पष्ट करने को कहा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:08 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 01:08 AM (IST)
शिक्षकों की नियुक्ति रद करने के मामले में राज्यपाल ने ली महाधिवक्ता से जानकारी
शिक्षकों की नियुक्ति रद करने के मामले में राज्यपाल ने ली महाधिवक्ता से जानकारी

रांची : नियोजन नीति तथा 13 जिलों में हाई स्कूल शिक्षकों की हुई नियुक्ति को रद करने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश से हजारों युवाओं के बेरोजगार होने का मामला राजभवन पहुंचा है। शनिवार को पूर्व सांसद व जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू तथा पूर्व विधायक सुखदेव भगत ने राजभवन में राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात कर मामले की जानकारी देते हुए शिक्षकों की नौकरी बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की। राज्यपाल ने भी मीडिया में सामने आई बातों तथा इनके ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक नियुक्ति संबंधी पारित आदेश से संबंधित तथ्यों को स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने इसपर राज्य सरकार के निर्णय की भी जानकारी महाधिवक्ता से प्राप्त की।

महाधिवक्ता ने राज्यपाल को बताया कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय द्वारा पारित इस आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेगी। इस मौके पर राज्यपाल ने प्रभावित शिक्षकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए चिता व्यक्त की। कहा कि पूरे प्रकरण में प्रभावित युवाओं की कोई गलती नहीं है। ऐसे में उनकी नियुक्ति रद किया जाना उचित नहीं होगा। वीडियो कांफ्रेंसिग से राज्यपाल के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह एवं विशेष कार्य पदाधिकारी (न्यायिक) राजकमल मिश्र भी जुड़े हुए थे। इससे पहले सुखदेव भगत ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए सवाल किया कि हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति 11 जिलों में संवैधानिक तथा 13 जिलों में असंवैधानिक कैसे हो सकती है? उन्होंने पांचवीं अनुसूची के तहत राज्यपाल को अधिसूचित क्षेत्रों का संरक्षक बताते हुए उन्हें इस मामले में राज्य सरकार को आवश्यक निर्देश देने की मांग की। वहीं, सालखन मुर्मू ने भी मामले में सर्वोच्च न्यायालय जाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की।

बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय ने नियोजन नीति के तहत 13 जिलों में शत-प्रतिशत आरक्षण को गलत ठहराते हुए इन जिलों में नियुक्ति को रद करने आदेश दिया है। नियोजन नीति के तहत इन जिलों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों को जिले के स्थानीय निवासी के लिए आरक्षित किया गया है।

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