स्मार्ट सिटी के लिए नवंबर तक टेंडर, दिसंबर में कार्यादेश

स्मार्ट सिटी मिशन के परियोजना निदेशक राहूल कपूर के अनुसार ढाई लाख करोड़ की इस परियोजना के तहत 5151 योजनाएं देश की सभी स्मार्ट सिटी के लिए ली गई हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 04 Oct 2018 08:54 PM (IST) Updated:Sat, 06 Oct 2018 06:49 AM (IST)
स्मार्ट सिटी के लिए नवंबर तक टेंडर, दिसंबर में कार्यादेश
स्मार्ट सिटी के लिए नवंबर तक टेंडर, दिसंबर में कार्यादेश

रांची, राज्य ब्यूरो। देश के चिह्नित स्मार्ट सिटी में विकसित होने वाली आधारभूत संरचनाएं तमाम कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए अब धरातल पर उतरेंगी। अक्टूबर-नवंबर तक स्मार्ट सिटी की शेष बची परियोजनाओं के लिए हर हाल में टेंडर आमंत्रित कर लिए जाएंगे, जबकि   दिसंबर-जनवरी तक कार्यादेश जारी कर दिए जाएंगे।

यह दावा राजधानी रांची में शुक्रवार से शुरू 'इंप्लीमेंटेथॉन' में पूर्वी और मध्य भारत के चिह्नित 17 स्मार्ट शहरों के प्रतिनिधियों ने दोहराया है। शहरी विकास मंत्रालय के अफसरों ने इस दौरान एक-एक कर संबंधित शहरों में संचालित परियोजनाओं के प्रगति की जानकारी ली। स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी विकास मंत्रालय के निदेशक राहुल कपूर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित हो रहे 100 शहर देश के अन्य शहरों के लिए रोल मॉडल का काम करेंगे।

सरकार ने तीन वर्ष पूर्व जो परिकल्पना की थी, वह अब धरातल पर उतरने लगी है। प्रथम और द्वितीय चरण में चयनित शहरों में कार्य प्रगति पर है। तीसरे और चौथे चरण के शहरों में स्मार्ट सिटी कारपोरेशन, पीएमसी आदि के गठन की कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब उसे नियोजित शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।निदेशक ने कहा कि देश के संबंधित शहरों के लिए ढाई लाख करोड़ की लागत पर 5151 योजनाएं ली गई हैं।

इनमें से 1730 बड़ी योजनाएं हैं। 46 हजार करोड़ रुपये संबंधित शहरों के लिए जारी किए जा चुके हैं, दिसंबर तक 54 हजार करोड़ रुपये के कार्यादेश जारी होंगे। रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड के सीईओ आशीष सिंहमार ने कहा कि रांची में 656 एकड़ भूमि में एरिया बेस्ड डवलपमेंट का काम चल रहा है। इससे इतर पुरानी रांची को पैन सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकसित किए जाने की कार्रवाई चल रही है। सुदृढ़ यातायात, चौड़ी सड़कें, साइकिल शेयरिंग सिस्टम, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, कमांड एंड कंट्रोल कम्युनिकेशन सेंटर पर साथ-साथ काम चल रहा है।

इन पांच राज्यों के 17 शहरों के प्रतिनिधि कर रहे शिरकत : झारखंड के रांची, बिहार के पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ, मध्यप्रदेश के भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, सागर, सतना, जबलपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर, नया रायपुर और बिलासपुर, जबकि ओडिशा के भुवनेश्वर और राउरकेला के प्रतिनिधि कार्यशाला में शिरकत कर रहे हैं।

राजधानी रांची में 'इंप्लीमेंटेथॉन' की चौथी कार्यशाला : स्मार्ट सिटी में विकसित होने वाली आधारभूत संरचनाओं को गति देने तथा एक-दूसरे शहरों की समस्या और उसके सुझावों को कलमबंद करने के लिए देश को पांच जोन में बांटकर 'इंप्लीमेंटेथॉन' नाम से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। शहरी विकास मंत्रालय की ओर से इससे पूर्व चेन्नई, दिल्ली और शिलांग में कार्यशाला का आयोजन हो चुका है। राजधानी रांची में पूर्वी और मध्य भारत के राज्यों के लिए कार्यशाला का आयोजन हो रहा है। इसके बाद अहमदाबाद में इसका आयोजन होगा।

स्मार्ट शहर में यूं ही शुमार नहीं है भोपाल : स्मार्ट शहरों की रैंकिंग में भोपाल यूं ही शुमार नहीं है। स्मार्ट सिटी के लिए जारी केंद्र के मानकों का अनुपालन, समयबद्धता और टीम वर्क इस सफलता के दारोमदार हैं। 'इंप्लीमेंटेथॉन' में भोपाल का प्रतिनिधित्व कर रहे अभियंता यू शर्मा के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-18 के बीच 1225 करोड़ रुपये की योजना धरातल पर उतर चुकी हैं।

37 कार्यों के लिए 1445 करोड़ का कार्यादेश आवंटित किए जा चुके हैं। 3170 करोड़ रुपये की योजना का टेंडर जारी हो चुका है। स्मार्ट सिटी विकसित करने के लिए स्मार्ट सिटी कारपोरेशन को मिली जमीन में से रैयती भी थी, जिसपर 3344 फ्लैट बने थे। जिस श्रेणी के जो मकान थे, उसी श्रेणी के फ्लैट भोपाल में बनाए जा रहे हैं। जमीन अधिग्रहण की अन्य कार्रवाई भी जनहित को केंद्र में रखकर की गई। कंट्रोल एंड कमांड सिस्टम यहां कार्यरत है।

रांची में स्थायी सीईओ नहीं, परियोजना 3800 करोड़ की : रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन की बात करें तो यतीन सुमन के इस्तीफे के बाद कारपोरेशन प्रभार में चल रहा है। निदेशक, नगर निदेशालय आशीष सिंहमार इस पद पर अस्थायी रूप से कार्यरत हैं। ऐसे में इतनी बड़ी परियोजना पर कार्य निश्चित तौर पर चुनौतियों भरा है। बहरहाल राजभवन से बूटी मोड़ तक बनने वाली सड़क फिलहाल रद कर दी गई है, जबकि राजभवन से कांटाटोली तक की सड़क को स्मार्ट बनाने का टेंडर हो चुका है।

स्टॉर्म वाटर प्रबंधन और ट्रांजिट हब, सीवरेज और ड्रेनेज सिस्टम आदि के लिए डीपीआर अभी निर्माणाधीन ही है। अलबत्ता एचईसी स्थित कोर कैपिटल एरिया में विकसित होने वाले स्मार्ट सिटी के लिए कुल 36 परियोजनाएं ली गई हैं। इन परियोजनाओं की प्राक्कलित राशि 3794.79 करोड़ है। संबंधित परियोजनाओं में से 18 का डीपीआर तैयार हो रहा है, जिसकी प्राक्कलित राशि 982.77 करोड़ रुपये है।

910.25 करोड़ रुपये की तीन परियोजनाओं के लिए टेंडर हो चुके हैं, जबकि 1601.49 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं के लिए कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। जलापूर्ति और बेकार जल प्रबंधन के लिए 15 जनवरी तक कार्यादेश आवंटित किए जाएंगे। संबंधित क्षेत्र में घनी आबादी नहीं होने के कारण ठोस कचरा प्रबंधन के मामले में कारपोरेशन ने अभी तक कुछ भी निश्चय नहीं किया है। दिसंबर के बाद स्मार्ट सिटी की जमीन की विभिन्न श्रेणियों के लिए ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी।

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