क्वालिटी एजुकेशन के लिए रिसर्च मेथोडोलॉजी जरूरी

रांची : क्वालिटी एजुकेशन के लिए रिसर्च मेथोडोलॉजी का होना जरूरी है। इससे छात्रों को शोध के साथ आगे ब

By Edited By: Publish:Thu, 23 Apr 2015 01:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2015 01:00 AM (IST)
क्वालिटी एजुकेशन के लिए रिसर्च मेथोडोलॉजी जरूरी

रांची : क्वालिटी एजुकेशन के लिए रिसर्च मेथोडोलॉजी का होना जरूरी है। इससे छात्रों को शोध के साथ आगे बढ़ने में काफी सहायता मिलती है। ये बातें रांची विवि के कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने कहीं। वे बुधवार को रांची विवि के पीजी मानव विज्ञान विभाग में सामाजिक विज्ञान संकाय के पंजीकृत पीएचडी छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित रिसर्च मेथोडोलॉजी कोर्स के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे। दस दिनों तक चलने वाला यह कोर्स भारतीय सामाजिक विज्ञान परिषद (आइसीएसएसआर) नई दिल्ली द्वारा संपोषित है। इसमें रांची सहित राज्य व आंध्र प्रदेश के रिसर्चर भाग ले रहे हैं। मौके पर सामाजिक विज्ञान के डीन सह कोर्स को-आर्डिनेटर डॉ. करमा उरांव, मानवविज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. कंचन राय, डॉ. प्रभात सिंह, डॉ. रघुनाथ यादव, डॉ. मीरा जायसवाल, डॉ. राकेश नारायण, डॉ. टुलु सरकार, डॉ. अजीत सहाय, डॉ. एससी मिश्रा, डॉ लाल गिरिजानाथ शाहदेव, डॉ. गया पाडेय, डॉ एसपी सिन्हा सहित पीएचडी शोधार्थी थे।

शोधार्थी को होगा लाभ

कुलपति ने कहा कि निश्चय ही ऐसे कार्यक्रम से पीएचडी शोधार्थियों को लाभ मिलेगा और हमारे विवि की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रांची विवि में पीएचडी शोधार्थियों के लिए संभवत: पहली बार इस मेथोडोलॉजी कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। इसे सभी संकायों में संचालित करने की आवश्यकता है। एसकेएमयू दुमका के प्रतिकुलपति डॉ. सत्यनारायण मुंडा ने सामाजिक विज्ञान में शोध की स्थिति एवं प्रासंगिकता पर बल देने को कहा। ऐसा करने से ही शोध का सही निष्कर्ष मिल पाएगा। डॉ. करमा उराव ने कोर्स की प्रासंगिकता एवं उसके विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।

chat bot
आपका साथी