ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए जल्द दें एनओसी
राची : हाईकोर्ट ने हजारीबाग जिले की चोरदहा पंचायत के ग्रामीणों की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य और केंद्र सरकार को ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तेजी से पूरा करने के लिए वन विभाग का एनओसी जल्द देने का निर्देश दिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को इस मामले में एनओसी के लिए सारी कार्रवाई पूरी करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है। अदालत ने उसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए केंद्र सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है।
हजारीबाग क्षेत्र के 1123 गावों में ग्रामीण विद्युतीकरण योजना 2010-2011 में प्रारंभ की गई थी। योजना का क्रियान्वयन डीवीसी कर रहा है। अधिकाश काम किया जा चुका है। कई गावों में बिजली के खंभे, तार आदि लगाए जा चुके हैं। पूर्व में संरक्षित वन क्षेत्र में बिजली का तार ऊपर से खींचना था। जिस पर वन विभाग की ओर से आपत्ति जताने पर योजना में फेरबदल करते हुए उस क्षेत्र में भूमिगत तार खींचने की योजना बनाई गई। इसके लिए वन विभाग से एनओसी वाछित है। इसी कारण मामला लंबित है। इस योजना में अब तक लगभग 170 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। अभी एनओसी मिलने के बाद 11 करोड़ रुपये का काम किया जाना शेष है।
इसी कारण चोरदहा पंचायत के अंतर्गत आने वाले विभिन्न गावों में बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर आपूर्ति बहाल करने का निर्देश सरकार को दिए जाने की माग की गई है। मामले की अगली सुनवाई दिसंबर में होगी।