विधायकों की अनुशंसा पर 10 किमी सड़क : आलमगीर

रांची सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत अथवा निर्माण के लिए विधायकों की अनुशंसा पर दस किलोमीटर सड़क का काम इसी वित्तीय वर्ष में कराएगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 08:39 PM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 08:39 PM (IST)
विधायकों की अनुशंसा पर 10 किमी सड़क : आलमगीर
विधायकों की अनुशंसा पर 10 किमी सड़क : आलमगीर

रांची : सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत अथवा निर्माण के लिए विधायकों की अनुशंसा पर दस किलोमीटर सड़क का काम इसी वित्तीय वर्ष में कराएगी। पिछले साल कोविड-19 के कारण राशि आवंटन नहीं होने की वजह से विधायक अपने क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण नहीं करा पाए थे। मंगलवार को ग्रामीण विकास विभाग के कटौती प्रस्ताव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से इससे संबंधित मांगों का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इसकी घोषणा की। इसके साथ अनुपूरक बजट पर कटौती प्रस्ताव खारिज हो गया और 7644 करोड़ रुपये की अनुदान मांगों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

सरकार का पक्ष रखते हुए आलमगीर आलम ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में नई सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। कहा कि केंद्र सरकार के स्तर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कटौती के कारण ऐसी स्थिति आई। यही वजह है कि राज्य संपोषित योजना पर सरकार ज्यादा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि हर पंचायत में खेल का मैदान होगा। एक हजार पंचायत में मैदान बनाने के निर्णय लिया गया था, जबकि काम 1900 मैदान पर चल रहा है। बिरसा हरित क्रांति योजना के तहत 25 एकड़ भूमि पर फलदार पेड़ लगाया गया है। राज्य संपोषित योजना से 2000 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य है।

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सरकार ने जनोपयोगी योजनाओं को बंद किया : नीलकंठ

भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पूर्व की सरकार के द्वारा शुरू की गई जनोपयोगी योजनाओं को बंद कर दिया है। सखी मंडल को सरकार काम नहीं दे रही है, जोहार योजना को भी नई सरकार ने बंद कर दिया है। जलछाजन योजना के लिए बजट में राशि का प्रविधान नहीं है। जबकि, पिछली सरकार में जलछाजन योजना के माध्यम से 10 हजार तालाब का निर्माण कराया गया था। अलग राज्य बनाने के बाद 48 हजार किमी ग्रामीण सड़क का निर्माण हुआ था, जबकि पिछली सरकार के समय पांच वर्षों में 24 हजार किमी सड़क का निर्माण कराया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए दस हजार डोभा बनाए गए। लेकिन, पहली बार राज्य सरकार ने आदेश जारी कर मुखिया व अन्य जन प्रतिनिधियों को झंडारोहण करने तक से रोक दिया।

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विधायक मद की राशि 10 करोड़ की जाए : चंद्रवंशी

विपक्ष की तरफ से कटौती प्रस्ताव लाने वाले भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने सरकार से विधायक मद की राशि को बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने की मांग की। उन्होंने सरकार से जल्द पंचायत चुनाव कराने की मांग की। कहा कि पंचायत चुनाव नहीं होने से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य बाधित है। उन्होंने सरकार को मनरेगा मजदूरों की राशि बढ़ाने के लिए साधुवाद दिया। आरोप लगाया कि प्रखंडों में बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) का अभाव है और जो हैं भी, वे रहते नहीं हैं। उन्होंने सरकार से तमाम प्रखंडों में बीडीओ को पदस्थापित करने की मांग की। यह भी कहा कि अगर सरकार विधायक मद की राशि दस करोड़ कर देती है, तो वे कटौती प्रस्ताव वापस ले लेंगे।

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पिछली सरकार में राशि का हुआ बंदरबांट : सीता सोरेन

झामुमो विधायक सीता सोरेन ने पूर्व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में योजना राशि का जमकर बंदरबांट हुआ। हरमू नदी के सौंदर्यीकरण के नाम पर 84 करोड़ रुपये का बंदरबांट किया गया। सीवरेज-ड्रेनेज के नाम पर भी करोड़ों रुपये का बंदरबांट हुआ। उन्होंने कहा कि फूलो झानो योजना से हेमंत सरकार ने हड़िया बेचने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है।

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मुखिया के लिए बोलने का हक भाजपा को नहीं : प्रदीप यादव

विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि भाजपा की पिछली सरकार के दौरान पंचायतों का अधिकार छीनकर समानांतर कमेटी के हवाले कर दिया गया था। ऐसे में भाजपा को पंचायत प्रतिनिधियों और मुखिया के लिए बोलने का हक ही नहीं है। उन्होंने पूरे वर्ष में सड़कों के निर्माण नहीं होने का मामला भी उठाया।

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आम का टहनी गाड़कर पेड़ का पैसा उठा रहे लोग : राज सिन्हा

कटौती प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए धनबाद विधायक राज सिन्हा ने कहा कि बिरसा बागवानी योजना के तहत पूरी तरह से लूट मची हुई है। आरोप लगाया कि कुछ लोग आम की टहनी गाड़कर पेड़ का पैसा उठा रहे हैं और इस माध्यम से करोड़ों की कमाई हो रही है। उन्होंने कांग्रेस और झामुमो के घोषणा पत्रों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार अपनी घोषणाओं पर ही अमल नहीं कर रही है।

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