कांग्रेस कोटे से चार मंत्री, कोई बड़ा मंत्रालय नहीं: ददई दुबे

संवाद सूत्र रजरप्पा(रामगढ़) इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 08:36 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 08:36 PM (IST)
कांग्रेस कोटे से चार मंत्री, कोई बड़ा मंत्रालय नहीं: ददई दुबे
कांग्रेस कोटे से चार मंत्री, कोई बड़ा मंत्रालय नहीं: ददई दुबे

संवाद सूत्र, रजरप्पा(रामगढ़) : इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जेएमएम व कांग्रेस गठबंधन की सरकार में घूसखोरी चरम पर है। यहां विकास का कोई काम नही हो रहा है। सारा मंत्रालय हेमंत सोरेन स्वयं लेकर बैठे हुए हैं। कांग्रेस कोटे से चार मंत्री हैं, लेकिन उन्हें कोई बड़ा मंत्रालय नहीं मिला है। आलमगीर आलम को ग्रामीण विकास विभाग मिला है। लेकिन वे एक बीडीओ का भी ट्रांसफर नहीं करा सकते हैं। मुख्यमंत्री स्वयं सारा फाइल अपने पास मंगवाकर देखते हैं। यहां तक कि पंचायत चुनाव भी यह सरकार नही करा पा रही है।

वे मंगलवार देर शाम रजरप्पा कोयलांचल स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला। कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता को धोखा देने का काम किये हैं। सभी के खातों में 15 लाख रुपये देने का वादा किये, एक साल में दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किये। किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही। लेकिन उन्होंने कोई वादा पूरा नही किया। आने वाले चुनावों में जनता उन्हें उखाड़ फेंकने का कार्य करेंगी। वही जेबीसीसीआई की बैठक के संबंध में उन्होंने कहा कि इंटक इस बैठक से बाहर है। सभी जेबीसीसीआई के सदस्य प्रबंधन के पिछलग्गू बन गए है। इससे बैठक में कोई निर्णय नहीं हो पाया, जिससे मजदूरों को काफी नुकसान होगा। आने वाले समय मे हम जेबीसीसीआइ की बैठक में जाएंगे। तब हम मजदूरों के मुद्दों को उठाकर उनका हक दिलाने का कार्य करेंगे। आगे उन्होंने इंटक के दोनों गुट के समन्वय के संबंध में कहा कि दोनों गुट को एक करने के लिए दिल्ली में मीटिग की गई थी। जिसमें मुझे व संजीवा रेड्डी को बुलाया गया था। जिसमें पर्यवेक्षक के रूप मे दिग्विजय सिंह और मलिकाअर्जुन खड़गे मौजूद थे। लेकिन दिग्विजय सिंह ने मुझे धोखा देने का काम किया। इसलिए दिग्विजय सिंह के बातों पर भरोसा नहीं कर सकता हूं। और उनके निर्णय को मानने से इनकार करता हूं। 18 दिसंबर को रामगढ़ में इंटक के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाया हूं। जिसमे मैं कोई बड़ा निर्णय भी ले सकता हूं। इससे पूर्व इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे यूनियन की मजबूती पर चर्चा की। रामगढ़ में 18 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की होने वाले बैठक की सफलता को लेकर भी कई दिशा निर्देश दिए।

chat bot
आपका साथी