मुंबई में झारखंड का नाम रौशन कर रहे रामगढ़ के अभिनव भट्टाचार्य, वेब सीरीज 'गुलमोहर' में उनके काम की रही तारीफ

वो कहते हैं ना सपने उन्हीं के पूरे होते है जिनमें उन्हें सच करने की काबिलियत और जुनून होता है। वैसे तो हर साल ना जाने कितने लोग एक्टर बनने का सपना लिए मायानगरी मुंबई आते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जिनके सपने सच होते हैं।

By Mohit TripathiEdited By: Publish:Sun, 19 Mar 2023 08:35 PM (IST) Updated:Sun, 19 Mar 2023 08:35 PM (IST)
मुंबई में झारखंड का नाम रौशन कर रहे रामगढ़ के अभिनव भट्टाचार्य, वेब सीरीज 'गुलमोहर' में उनके काम की रही तारीफ
वेब सीरीज 'गुलमोहर' में अभिनव भट्टाचार्य के काम की हो रही तारीफ।

संवाद सूत्र, रामगढ़: फिल्म इंडस्ट्री में वैसे तो कई सितारें है, जो लोगों के दिलों पर राज करते हैं। फिल्म इंडस्ट्री पर राज करने वाले स्टार्स में से कुछ स्टार्स ऐसे हैं, जो छोटे शहरों पर कस्बों से निकलकर मायानगरी पहुंचे थे।

बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया को देखकर ज्यादातर लोग अपनी किस्मत आजमाने मायानगरी मुंबई पहुंचते हैं। इनमें से कुछ ही अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में अलग मुकाम हासिल कर पाते हैं।

बचपन से है ऐक्टिंग का शौक

कहते है ना कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो हर मुकाम पाया जा सकता है। ऐसा ही कुछ रजरप्पा आवासीय कॉलोनी के रहने वाले अभिनव भट्टाचार्य के साथ देखने को मिला।

वह बचपन से ही अभिनय के क्षेत्र में जाने का सपना अपने मन मे पाला हुआ था। अंततः अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने उस मुकाम को हासिल करने में सफलता प्राप्त किया है। और उनकी पहली फ़िल्म गुलमोहर डिजनी प्लस हॉटस्टार में पिछले 3 मार्च को रिलीज हो गयी है।

अब तक एक करोड़ से अधिक लोगों ने वेब सीरीज को दिया प्यार

फिल्म हॉटस्टार में काफी धूम मचाये हुए है। इस फ़िल्म में उनके साथ हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार मनोज वाजपेयी ने भी अभिनय किया है। फिल्म के निर्देशक राहुल वी चितेल्ला है। दो घण्टे की यह फिल्म पूरी तरह से पारिवारिक फिल्म है। जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिल रहा है।

गुलमोहर फिल्म को ओटीटी में अबतक एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा और पसंद किया है। यह फिल्म अमेरिका में ओटीटी प्लेटफॉर्म हुलु में भी रिलीज हुई है। वहां भी इस फ़िल्म ने धूम मचा रखी है।

रजरप्पा में गुजरा है अभिनव का बचपन

दरअसल रजरप्पा आवासीय कॉलोनी में रहने वाले सीसीएल कर्मी अमल भट्टाचार्य के पुत्र अभिनव भट्टाचार्य का बचपन रजरप्पा में ही गुजरा है। उसने बचपन से ही फिल्मों में अभिनय करने का सपना पाल रखा था। कभी यह छोटे-छोटे मंचो से लोगों का मनोरंजन करते थे। आज वे वॉलीवुड में फिल्मों के माध्यम से लोगों के दिल मे जगह बना रहे है।

रजरप्पा में हुई है अभिनव की प्रारंभिक शिक्षा

अभिनव की प्रारंभिक शिक्षा डीएवी रजरप्पा से किया। 12वीं की शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल गांधीनगर, रांची से किया। छात्रावास में रहने के दौरान उन्हें लोगों का मनोरंजन करने की आदत विकसित हुई और इसके लिए उन्हें सराहना भी मिली।

स्कूली शिक्षा के बाद, उन्होंने नागपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उन्हें एहसास हुआ कि वह अपने दर्शकों का अच्छी तरह से मनोरंजन कर सकते हैं और वे इससे जुड़ाव महसूस करते हैं।

दिल्ली के थिएटर में लिया अभिनय का प्रारंभिक प्रशिक्षण

उन्होंने अभिनय करियर के साथ आगे बढ़ने में जो कुछ भी मदद कर सकता है, उसे खोजना शुरू कर दिया। इसलिए अपनी इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के एक प्रमुख थिएटर ग्रुप क्षितिज से बुनियादी अभिनय प्रशिक्षण प्राप्त किया।

थिएटर में कई बेहतरीन नाटक करने के बाद उन्हें आत्मविश्वास महसूस हुआ और फिर अपने सपने का पीछा करते हुए मुंबई चले गए। कुछ साल संघर्ष करते रहे, क्योंकि बहुत सारे ऑडिशन देने के बाद भी उन्हें कोई अच्छी भूमिका नहीं मिल रही थी।

छिछोरे में मिला पहला ब्रेक

अंत में उन्हें नितेश तिवारी की फिल्म छिछोरे में ब्रेक मिला, जहां उन्हें एक बहुत ही संक्षिप्त भूमिका प्रदान की गई थी। उस फ़िल्म में उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत के साथ अभिनय करने का मौका मिला। इसके बाद सुमन घोष की फिल्म आधार में मौका मिला, जिसकी शूटिंग झारखंड के खूबसूरत वादियों में की गई थी। लेकिन फिल्म सेंसर बोर्ड से पास नहीं हुई।

इसके बाद राहुल वी चितेल्ला की फ़िल्म में काम करने का मौका मिला। जिसमे उन्होंने शानदार अभिनय किया। अब अभिनव भट्टाचार्य कई फिल्मों में काम करते नजर आ रहे हैं।

अपकमिंग वॉलीवुड फिल्म पीपा से है उन्हें काफी उम्मीदें

अभिनव भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी अपकमिंग वॉलीवुड फिल्म पीपा से उन्हें काफी उम्मीदें है। जल्द ही वह फिल्म बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। फिल्म बनकर तैयार हो चुकी है। फिल्म में उन्होंने शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर के साथ काम कर रहे है, जिसमें वे टैंक कमांडर के रूप में नजर आएंगे।

परिवार को दिया सफलता का श्रेय

यह फिल्म 1971 में बांग्लादेश को आजाद कराने में भारत की भूमिका पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म लोगों को काफी पसंद आएगी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पापा अमल कुमार भट्टाचार्य, मां वंदना भट्टाचार्य, भाई अंशुमन भट्टाचार्य व दीदी फुलेश्वरी देवी को जाता है। जिन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते थे।

chat bot
आपका साथी