एनएसयूआइ ने काटा बवाल, दर्जनभर हिरासत में

मेदिनीनगर : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की पलामू इकाई ने शनिवार को गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय में

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 10:52 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 10:52 PM (IST)
एनएसयूआइ ने काटा बवाल, दर्जनभर हिरासत में
एनएसयूआइ ने काटा बवाल, दर्जनभर हिरासत में

मेदिनीनगर : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की पलामू इकाई ने शनिवार को गणेश लाल अग्रवाल महाविद्यालय में जमकर हंगामा किया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तालाबंदी करने पहुंचे एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका। इस बीच महाविद्यालय प्रबंधन के अलावा पुलिस के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई। इसका नेतृत्व एनएसयूआइ के जिलाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी कर रहे थे। बाद में दर्जन भर कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लेकर शहर थाना ले आई। इसमें जिलाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी, पूर्व जिलाध्यक्ष अभिषेक तिवारी, सुजीत पांडेय, ओम प्रकाश त्रिपाठी, अर¨वद गुप्ता, शौर्य तिवारी, मंटू ¨सह, दिवाकर दुबे, राहुल कुमार आदि का नाम शामिल है। अमरनाथ तिवारी और अभिषेक तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि जीएलए महाविद्यालय के प्राचार्य विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। बार-बार झूठा आश्वासन देकर बरगलाया जा रहा है। कहा कि एनएसयूआइ छात्रहित में आंदोलन कर रहा है। एनएसयूआइ स्नातक पार्ट वन व स्नातकोत्तर पार्ट वन में इच्छुक सभी विद्यार्थियों का नामांकन सुनिश्चित कराने की मांग को ले आंदोलनरत है। सभी बच्चों का नामांकन कराने के लिए एनएसयूआइ प्रतिबद्ध है। कहा कि चरणबद्ध आंदोलन हर हाल में जारी रहेगा। मांग पूरा कराकर ही संगठन दम लेगा। कहा कि जीएलए महाविद्यालय प्रबंधन तानाशाही रवैया का परिचय देते हुए विद्यार्थियों का नामांकन लेने की जगह लाठी के बल पर आंदोलन को दबाना चाहता है। कहा कि पुलिस के डर से आंदोलन दबने वाला नहीं है। सभी विद्यार्थियों का नामांकन सुनिश्चित होना चाहिए।

वक्ताओं ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन अगर छात्र विरोधी और तानाशाही रवैया छोड़कर सभी विद्यार्थियों का नामांकन नहीं लिया तो महाविद्यालय के प्राचार्य और राज्य सरकार का पुतला दहन किया जाएगा। इधर, देर शाम हिरासत में लिए सभी कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया। अखिल पलामू छात्र संघ ने भी एनएसयूआइ के आंदोलन का समर्थन किया। आप्सू अध्यक्ष कमलेश पांडेय ने कहा कि छात्रहित की मांगों को पूर्ण करना चाहिए। विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं है। इच्छुक विद्यार्थियों का नामांकन सुनिश्चित होना चाहिए।

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