Lok Sabha Polls 2019: बटाने डैम का फाटक नहीं गिराना बनेगा फिर चुनावी मुद्दा

Lok Sabha Polls 2019. पलामू जिला की महात्वाकांक्षी बटाने जलाशय योजना का वृहत डैम को प्रभावी बनाने की मांग इस बार भी चुनावी मुद्दा बनेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 12:47 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 12:47 PM (IST)
Lok Sabha Polls 2019: बटाने डैम का फाटक नहीं गिराना बनेगा फिर चुनावी मुद्दा
Lok Sabha Polls 2019: बटाने डैम का फाटक नहीं गिराना बनेगा फिर चुनावी मुद्दा

पलामू, [तौहीद रब्बानी]। छतरपुर व हरिहरगंज की सीमा पर अवस्थित पलामू जिला की महात्वाकांक्षी बटाने जलाशय योजना का वृहत डैम को प्रभावी बनाने की मांग इस बार भी चुनावी मुद्दा बनेगा। पिछले तीन दशक से भी ज्यादा समय से विस्थापितों ने इस डैम का फाटक उठा दिया है। इस कारण सिंचाई के अभाव में क्षेत्र की करीब दो हजार एकड़ उपजाऊ भूमि बंजर हो गई है।

फलतः किसानों को हर साल सूखे की समस्या से जूझना पड़ता है। डैम का फाटक उपर उठा देने से डैम में पानी का ठहराव न होकर सीधे नदी में बह जाता है। इससे पानी बर्बाद हो रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों और इलाके के कई सांसद-विधायकों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यह हर बार चुनावी मुद्दा बनता है। हर चुनावी माहौल से पहले नेताओं ने डैम का फाटक गिराकर किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का भरोसा दिलाते रहे हैं।

चुनाव खत्म बातें खतम। यही कारण है कि यह समस्या आज भी मुद्दा के रूप में बरकरार है। मालूम हो कि 80 के दशक में बने इस डैम में जल संग्रह नहीं होने से किसानों को लाभ नही मिल रहा है। कुछ लोग स्वार्थ में डैम के स्लूस गेट को उठाकर वेल्डिंग कर दिया हैं। इससे डैम का पानी नदी में चला जाता है। सरकार कहती है कि डैम में 6 स्लूस गेट हैं। इनमें 5 गेट बंद है।

मुआवजा की मांग को लेकर 2002 में विस्थापितो ने एक गेट को उठाकर वेल्डिंग करा दिया है। ये लोग गेट का अन्य अधूरा यांत्रिक कार्य पूरा नहीं करने दे रहे हैं। पुनर्वास पदाधिकारी मेदिनीनगर ने 1048 में 1006 विस्थापितों का पूरा मुआवजा भुगतान कर दिया है।

डूब क्षेत्र के भंडारडीह, कौवल, धोबीडीह, नावाडीह , गुलाबझरी के लिए नए सिरे से अधियाचना तैयारकर विशेष भू अर्जन पदाधिकारी को समर्पित किए जाने की बात होती रही है। 75•84 करोड़ की इस अधियाचना के लिए वर्ष 2018-19 में 6 करोड़ का आवंटन संबधित पदाधिकारी को हस्तगत कराया गया।

बावजूद गेट को अब तक गिराया नहीं जा सका है। इस बार के चुनाव में यह मुद्दा छाया रहेगा कि सरकार शेष विस्थापितों को मुआवजा देकर जन अवरोध क्यों समाप्त नहीं कराती । डैम का फाटक गिर जाए तो किसानों को वांछित सिंचाई का लाभ मिलने लगेगा।

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