आजादी के बाद भी कई गांव में नहीं है पक्की सड़कें

पांकी, पलामू: पांकी प्रखंड क्षेत्र के 25 पंचायतों के करीब एक सौ गांव आजादी के दशकों बाद पक्की सड़क से

By Edited By: Publish:Sat, 28 Nov 2015 07:08 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2015 07:08 PM (IST)
आजादी के बाद भी कई गांव में नहीं है पक्की सड़कें

पांकी, पलामू: पांकी प्रखंड क्षेत्र के 25 पंचायतों के करीब एक सौ गांव आजादी के दशकों बाद पक्की सड़क से वंचित हैं। गांवों में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। गांवों तक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में प्रशासनिक व्यवस्था लाचर है। पांकी के सकलदीपा, रतनपुर, ताल, केकरगढ़, होटाई, नवडीहा, करार, लोहरसी, आसेहार, सगालीम, कोनवाई, पकरिया, नूरू समेत कई ऐसे पंचायत हैं जिनके गांवों मे जाने लिए आज भी पगडंडियों का ही सहरा लेना पड़ता है। सकलदीपा पचायत क्षेत्र का होइयो,लावाबार, खपरमंडा, रतनपुर पंचायत के रतनपुर,सालमदीरी, बिहरा, इरगू, ताल पंचायत के आबून, बीरबीर, चेटर, तालेडीह, केकरगढ़, ठेकही, अंदाग, केकरगढ़ पंचायत क्षेत्र के हूड़ूम, गरिहारा, द्वारिका, जशपुर, केकरगढ़, होटाई पंचायत के कमोबेश सभी गांवों में आज भी पक्की सडक नहीं है। गांवों मे स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर महज खाना पूर्ति कर ली जाती है। गांव के लोगो को आज भी नीमहकीमों व ओझा गुणी के चक्कर मे रहना पड़ता है। झोला छाप चिकित्सकों की तो चांदी रहती है। इसके अलावे पांकी-मेदनीनगर पथ एवं पांकी, बालूमाथ पथ के दो से तीन किलोमीटर की परिधि के बाद बिजली तो दूर खंभे भी नजर नहीं आते। गांवों में पंचायत सचिवालय भी काफी अधूरे हैं। पंचायत सचिवालयों के लिए आवंटित फर्नीचर व इलेक्ट्रोनिक समगियों मुखिया या बिचौलियों के घरों की शोभा बढ़ा रही है। पांकी मुख्यालय को छोड़ शेष किसी भी पंचायत मुख्यालय में एक भी फर्नीचर नहीं रखे गए हैं। पंचायत पुनाव के दौरान प्रत्याशियों को मतदाताओं का आक्रोश झेलना पड़ रहा है।

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