भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस ले सरकार

मेदिनीनगर : केंद्र सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2014 गरीब व आदिवासी विरोधी है। इसे तत्काल वापस ल

By Edited By: Publish:Fri, 23 Jan 2015 10:09 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jan 2015 10:09 PM (IST)
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस ले सरकार

मेदिनीनगर : केंद्र सरकार का भूमि अधिग्रहण अध्यादेश 2014 गरीब व आदिवासी विरोधी है। इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। इस अध्यादेश में भाजपा नीत केंद्र सरकार का पूंजीपति व उद्योगपतियों के प्रति आंतरिक प्रेम झलकता है। जेवीएम इसका हर स्तर पर विरोध करेगी। उक्त बाते डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया ने कहीं। वे शुक्रवार को स्थानीय समाहरणालय परिसर में आयोजित धरना को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम झारखंड विकास मोर्चा के पलामू इकाई के तत्वाधान में आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता व संचालन विजय सिन्हा ने किया।

वक्ताओं ने कहा कि इस अध्यादेश के माध्यम से केंद्र सरकार बड़े लोगों को लाभ पहुंचाना चाहती है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार रोजगार की जगह युवाओं के हाथ में झाड़ू पकड़ा रही है। इससे देश का भला होने वाला नही है। अन्य वक्ताओं ने भाजपा पर जेवीएम विधायकों को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कहा कि सत्ता बचाने के लिए भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है। एक ओर जहां झारखंड में बेरोजगारी अपने चरम पर है वहीं नौकरी में बाहरी लोगों को भरा जा रहा है। बाद में से झारखण्ड के राज्यपाल को संबोधित माग पत्र पलामू के उपायुक्त को सौपा गया। जिसमें अध्यादेश वापस लेने के साथ-साथ अधिग्रहण के लिए भूमि मूल्य निर्धारण के पुराने कानून में परिवर्तन करने, शिक्षक बहाली प्रक्त्रिया में संशोधन कर आगे की कार्रवाई करने, तृतीय एवं चतुर्थवर्ग की नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने, बालू घाटों की निलामी रद कर पंचायतों को हस्तातरित करने, किसानों को धान पर 2500 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देकर धान की खरीदारी करने, खाद सुरक्षा अधिनियम लागू करने आदि की मागें शामिल हैं। धरना में प्रभात कुमार भुइयां, हाजी संजर नवाज, राजन मेहता, दयानंद मेहता, मुरारी पाण्डेय, दिलीप कुमार शुक्ला, भीष्म चौरसिया, आशिष कुमार सिन्हा, पुनिता देवी, लालती देवी, ¨रकू देवी समेत बड़ी संख्या में मोर्चा नेता उपस्थित थे।

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