तेरेसा ने संघर्ष की स्याही से लिखी कामयाबी की गाथा

हिरणपुर प्रखंड के खजुरडांगा गांव की रहने वाली महिला कृषक मित्र तेरेसा दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणस्रोत बनी हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 15 Oct 2017 09:38 AM (IST) Updated:Sun, 15 Oct 2017 09:40 AM (IST)
तेरेसा ने संघर्ष की स्याही से लिखी कामयाबी की गाथा
तेरेसा ने संघर्ष की स्याही से लिखी कामयाबी की गाथा

गणेश पांडेय, पाकुड़। जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर हिरणपुर प्रखंड के खजुरडांगा गांव की रहने वाली महिला कृषक मित्र तेरेसा टुडू कृषि क्षेत्र में नए आयाम बना रहीं हैं। तेरेसा दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणस्रोत बनी हैं। सात वर्षों से खेती कार्य में लगी तेरेसा कभी पाई-पाई को मोहताज थीं। आज कृषि के दम पर आर्थिक रूप से सक्षम हो गई हैं।

गांव की दर्जनों महिलाओं को भी कृषि कार्य में उन्होंने पारंगत किया है। कृषि विभाग ने वर्ष 2011 में तेरेसा का कृषक मित्र के रूप में चयन किया। चयन होने के बाद उन्होंने अपनी आठ बीघा जमीन में खेती शुरू कर दी। खरीफ, रबी फसल के अलावा दलहन भी उपजाने लगीं। अभी मकई व बरबट्टी की में लगी हैं। हर वर्ष हो जाती है अच्छी आय फसल बेचकर तेरेसा प्रतिवर्ष करीब 70 से 80 हजार रुपये की आमदनी करतीं हैं। उनकी आर्थिक स्थिति खेती से ही काफी मजबूत हुई है।

महिलाओं को घर में चौपाल लगाकर सिखाती हैं खेती के गुर

सरकार ने सभी पंचायतों में डीबीटी चौपाल लगाने का निर्देश दिया है। कृषक मित्र तेरेसा तो पांच वर्ष पूर्व से ही अपने घर पर महिला कृषकों की चौपाल लगा रहीं हैं। आज भी उनके घर पर महिलाएं चौपाल में शामिल होती हैं। उनको यहां खेती के गुर सिखाए जाते हैं। तेरेसा ने वर्ष 2012 में होलफैथ स्वयं सहायता समूह गठित कर गांव की महिलाओं को समूह से जोड़ा। समूह की होपनमय मरांडी, सुशाना हेंब्रम, एस्टिला मुर्मू, तेरेसा मुर्मू, सलोमी मरांडी, श्रीदेवी मुर्मू, मोनिका मुर्मू, ठकरन टुडू, लीलीबिटी मरांडी सहित अन्य महिलाओं को कृषि कार्य में दक्ष किया है।

सिंचाई व्यवस्था होती दुरुस्त तो फसल भी होती अधिक

तेरेसा टुडू ने बताया कि खेती के समय पानी की कमी हो जाती है। समय पर पानी नहीं मिलता तो फसल बर्बाद होती है। सिंचाई की व्यवस्था यदि यहां दुरुस्त हो तो हम दो गुना अधिक उत्पादन करते।

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तेरेसा स्वयं मेहनत कर खेती करती हैं। उनसे प्रेरणा लेकर गांव की अन्य महिलाएं भी कृषि से जुड़ी हैं। कृषि विभाग तेरेसा को हर संभव मदद करेगा।

-मिथिलेश कुमार कालिंदी, जिला कृषि पदाधिकारी, पाकुड़।

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