वर्तमान सरकार में रोजगार की स्थिति दयनीय: ईआरएमयू
पाकुड़: ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन (ईआरएमयू) का 13वां द्विवार्षिक सम्मेलन मंगलवार को रेलवे मैदान में आ
पाकुड़: ईस्टर्न रेलवे मेंस यूनियन (ईआरएमयू) का 13वां द्विवार्षिक सम्मेलन मंगलवार को रेलवे मैदान में आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन यूनियन के सचिव सुकुमार पांडेय ने संगठन का झंडोत्तोलन कर किया। सम्मलेन में बतौर मुख्य अतिथि यूनियन के केंद्रीय संगठन सचिव सुभाशिष राय, अभिजित मुखर्जी, केंद्रीय नेता सिताबी राय, यूनियन के अध्यक्ष अखिलेश चौबे, कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ओझा, सचिव सुकुमार पांडेय, ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर एसोसिएशन (ईजरप्पा) के अध्यक्ष हिसाबी राय, सचिव राणा शुक्ला आदि मौजूद थे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए यूनियन के केंद्रीय संगठन सचिव सुभाशिष राय ने केंद्रीय भाजपा सरकार द्वारा रेलवे में लायी जाने वाली नीतियों की जमकर आलोचना की। उन्होने कहा कि अप्रत्यक्ष रूप से रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है। आउटसोर्सिग निजीकरण, पीपीपी मॉडल व एफडीआइ के माध्यम से रेलवे में सरकारी नौकरियों को कम करने का लगातर प्रयास किया जा रहा है। इन श्रमिक विरोधी कार्यो का श्रमिक संगठनों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेल श्रमिक हित में ईआरएमयू आंदोलन के लिए तैयार है। रेल कर्मियों को आंदोलन के लिए संगठन को मजबूत करने की अपील की गई। अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि रेल बचाओ देश बचाओ के लिए एक जुट होकर सभी को आंदोलन करना होगा। तीन साल में एक भी नई नौकरियां नहीं मिली है। रेलवे में तीन लाख पद रिक्त है। शिक्षित युवा नौजवान सड़कों पर भटक रहे है। देश के वर्तमान सरकार में रोजगार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। उन्होंने कहा कि रेलवे में खाली पदों पर भर्ती न करके सरकार ने प्रत्येक वर्ष सभी जोनल महाप्रबंधक को एक हजार पद को विलोपित करने का शाही फरमान जारी किया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के संशोधन का मामला अधर में लटका हुआ है।
शाखा सचिव सुकुमार पांडेय ने अपने संबोधन में क्षेत्राधीन आनेवाले रेलकर्मियों के समाधान के लिए उठाए जानेवाले कदमों व उपलब्धियों से अवगत कराया। शाखा अध्यक्ष अखिलेश चौबे व कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ओझा ने कहा कि आज रेल कर्मियों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं, भत्तों एवं वेतनमान के पीछे ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) तथा ईआरएमयू कोलकाता की लड़ाई का सबसे बड़ा योगदान है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ¨पटू पटेल, कृष्णा पासवान, दयाशंकर प्रसाद, अमर मल्होत्रा, मोहन कुमार, अरुण कुमार, सोमेन घोष, चमचम कुमार, हीरालाल ¨सह, संजय चौरसिया सहित सैकडों रेलकर्मी उपस्थित थे।