लैम्पस में बर्बाद हो रहा धान, किसानों का भुगतान भी बंद

उत्कर्ष पांडेय लातेहार लातेहार जिला कृषि प्रधान है यहां निवास करने वाले अधिकांश लोग ख

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Jul 2021 06:45 PM (IST) Updated:Sun, 18 Jul 2021 06:45 PM (IST)
लैम्पस में बर्बाद हो रहा धान, किसानों का भुगतान भी बंद
लैम्पस में बर्बाद हो रहा धान, किसानों का भुगतान भी बंद

उत्कर्ष पांडेय, लातेहार : लातेहार जिला कृषि प्रधान है, यहां निवास करने वाले अधिकांश लोग खेतीबारी के जरिए ही अपनी आजीविका चलाते हैं। कहने को तो यहां कृषि और सहकारिता विभाग किसानों को प्रोत्साहित करने का कार्य वर्षों से कर रहा है। लेकिन ग्रामीण स्तर पर हकीकत बिल्कुल अलग है। वर्तमान में सरकारी उदासीनता के कारण किसानों द्वारा उत्पादित लाखों की कीमत का धान लातेहार जिले के लैम्पसों में रखा-रखा बर्बाद हो रहा है। मामले को लेकर कई बार किसानों ने विभाग से संपर्क कर धान का उठाव कराने के साथ बकाया राशि का भुगतान करने की गुहार लगाई। लेकिन बदले में सिवाय आश्वासनों के कुछ भी प्राप्त नहीं हो सका। एक साल से किसान भुगतान के लिए परेशान :

किसान सवल किशोर, सुदामा गंझू, बालेश्वर उरांव, संदीप उरांव, मतियस बैठा समेत कई किसानों ने बताया कि गत वर्ष अच्छी बारिश के कारण धान की पैदावार अच्छी हुई जब धान की फैसल तैयार हुई तो किसानों से बिचौलियों ने मनमानी कीमत पर धान की खरीद शुरू की तो सरकारी स्तर पर धान की खरीद शुरू कराई गई ताकि बिचौलियागिरी रूक जाए। लेकिन धान खरीद शुरू होने के बाद एक बार बाद कई केंद्रों से दूसरी बार धान का उठाव ही नहीं हुआ। लिहाजा केंद्रों पर धान की खरीद बंद हो गई। अधिकांश किसानों को धान के मूल्य का भुगतान भी नहीं किया गया। जबकि वर्तमान में पुन: धान की रोपाई शुरू होने वाली है। किसान पैसे के लिए परेशान हैं, लेकिन विभाग मामले पर कोई संज्ञान ही नहीं ले रहा है। धान क्रय केंद्रों से नहीं हो पा रहा है धान का उठाव :

लातेहार जिला में 17 लैम्पस के माध्यम से 2739 किसानों का एक लाख पंद्रह हजार छ सौ चालिस क्विटल धान खरीदा गया। जिसमें अब भी 8176 क्विटल धान का उठाव केंद्रों से नहीं हो पाया है। जिसके कारण 13 लैम्पस में रखे धान सड़ने की स्थिति में हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है अधिकांश केंद्रों की दीवार में सिपेज है बारिश तेज हुई तो कई केंद्रों की दीवार टपकने लगेंगी। इसके अलावा कई स्थानों पर चूहों की वजह से धान से भरे बोरे फट गए हैं। जिनसे लगातार धान जमीन पर गिर रहा है। इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी.? इसका माकूल जवाब किसी के पास नहीं है। हैरत की बात तो यह है कि किसानों की बकाया राशि का भुगतान कब और कैसे होगा इस बारे में भी विभाग स्पष्ट तौर पर जानकारी नहीं दे रहा है।

कोट ::

धान का उठाव सरकार द्वारा चयनित मिलर के द्वारा होता है, केंद्र में रखे धान का उठाव करने के लिए उन्हें कहा गया है। किसानों को धान की राशि का भुगतान मेदिनीनगर से होता है। स्थानीय किसानों की परेशानियों को देखते हुए मैने खुद किसानों की बकाया राशि का भुगतान करने का आग्रह किया है। बहुत जल्द किसानों को भुगतान करने की बात कही गई है।

- संजय कुमार दास , जिला सहकारिता पदाधिकारी लातेहार।

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