चार दिनों बाद भी अपहृत मांइस कर्मियों का सुराग नहीं

संवाद सूत्र महुआडांड़ (लातेहार) झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र पर हिडाल्को द्वारा संच

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 07:32 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 07:32 PM (IST)
चार दिनों बाद भी अपहृत मांइस कर्मियों का सुराग नहीं
चार दिनों बाद भी अपहृत मांइस कर्मियों का सुराग नहीं

संवाद सूत्र, महुआडांड़ (लातेहार) : झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र पर हिडाल्को द्वारा संचालित बाक्साइट माइंस एवं कांटा घर से एक सुपरवाइजर समेत दो सुरक्षा गार्डों का नक्सलियों द्वारा अपहरण किए जाने के चार दिनों बाद भी कोई सुराग नहीं मिल सका है। अपहृतों की सकुशल रिहाई के लिए झारखंड व छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से लगातार छापेमारी कर रही है। गौरतलब है कि चार दिनों पूर्व हथियार बंद नकाबपोश नक्सलियों के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के समरी थाना क्षेत्र के सरइडीह और जलजली गांव में संचालित राजेंद्रपुर माइंस के सुपरवाइजर रामधनी यादव तथा लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र के कुकुदपाट कांटा घर से सुरक्षा गार्ड सूरज सोनी (चैनपुर, पलामू निवासी) तथा संजय यादव (समरी, छत्तीसगढ़ निवासी) का अपहरण किया गया था।

माओवादी एवं जेएलटी हैं क्षेत्र में सक्रिय :

झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र पर संचालित खनन कार्य से लेवी की उगाही के लिए नक्सलियों द्वारा इस क्षेत्र को बराबर निशाना बनाया जाता रहा है। ग्रामीण सूत्रों ने बताया कि इस इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के साथ झारखंड लिबरेशन टाइगर (जेएलटी) की सक्रियता अधिक रही है। हालांकि कभी भी लेवी दिए जाने के बात की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन इलाके में नक्सलियों की सक्रियता बराबर रही है।

कार्य बंद था फिर भी अपहरण :

ग्रामीणों ने बताया कि कुकुदपाट स्थित कांटा घर लंबे समय से बंद है। लेकिन कंपनी की ओर से सुरक्षा गार्डों को रखा गया था, ऐसे में बिना काम चलते हुए कर्मियों का अपहरण किया जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है। मामले के बावत पूछे जाने पर पुलिस पदाधिकारियों ने सिर्फ इतना ही कहा कि झारखंड व छत्तीसगढ़ की पुलिस संयुक्त रूप से अभियान चला रही है, बहुत जल्द सार्थक रिजल्ट आएगा।

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