चैंपियन बेटियों की कीर्ति से चमका लातेहार

उत्कर्ष पाण्डेय लातेहार जिले के नक्सल प्रभावित गांवों से बाहर निकल कर बेटियां अपने खेल का

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 07:18 PM (IST) Updated:Tue, 23 Jun 2020 06:14 AM (IST)
चैंपियन बेटियों की कीर्ति से चमका लातेहार
चैंपियन बेटियों की कीर्ति से चमका लातेहार

उत्कर्ष पाण्डेय, लातेहार : जिले के नक्सल प्रभावित गांवों से बाहर निकल कर बेटियां अपने खेल कौशल से लातेहार को नई चमक दे रही हैं। 14 वर्षो से वॉलीबॉल कोच के रूप में डे बोर्डिग सेंटर को सेवा देने वाले प्रवीण मिश्र अब तक जिले की 20 से अधिक लड़कियों को नेशनल टीम में पहुंचा चुके हैं। नेशनल खेल चुकीं लातेहार की महिला खिलाड़ी रेणु कुमारी, विनीता कुमारी, अनिता कुमारी, मुनीता कुमारी व कांति कुमारी ने बताया कि जिले में संसाधनों की कमी के बीच चैंपियन बनने का सिलसिला लगातार चल रहा रहा है। खुद की मेहनत और बेहतर कोचिग के जरिए चैंपियन बनने में संसाधनों की कमी बाधा तो जरूरत बनती है, लेकिन खिलाड़ियों की जीवटता के आगे बाधा भी नहीं टिक पाती। नतीजा, जिले की ग्रामीण प्रतिभा कामयाबी की नई गाथा लिखने में कामयाब हो रही है। तीन साल तक लगातार स्टेट जुनियर चैंपियन :

लातेहार को नक्सल प्रभावित जिले के रूप में जाना जाता है, लेकिन खिलाड़ियों की सार्थक जिद ने लातेहार को अब खेल प्रतिभा से परिपूर्ण जिले के रूप में स्थापित कर दिया है। कोच और खिलाड़ियों की मेहनत के दम पर वर्ष 2008 से 2010 तक लातेहार जिला स्टेट जूनियर वॉलीबॉल चैंपियन रहा। तीन सालों तक चैंपियन बनने के बाद यहां की खिलाड़ियों का चयन नेशनल टीम में हुआ तो जिले को खूब प्रसिद्धि मिली। इसके अलावा राज्य स्तर की कई प्रतियोगिताओं में लातेहार जिला को विजेता एवं उपविजेता होने का गौरव बालिका खिलाड़ियों के द्वारा दिया गया है। पहली बार झारखंड को देश भर में मिला चौथा स्थान : स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से आंध्रप्रदेश के निल्लौर में बालक 14 आयु वर्ग में नेशनल प्रतियोगिता 10 जनवरी 2020 से 14 जनवरी 2020 के बीच आयोजित हुई। प्रतियोगिता के दौरान झारखंड के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश भर में चौथा स्थान प्राप्त कर देश भर का ध्यान आकृष्ट कराया। इस टीम को लातेहार के प्रशिक्षक श्री मिश्रा के द्वारा 8 दिनों के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षित किया गया था और कोच के रूप में टीम के साथ श्री मिश्रा निल्लोर में उपस्थित थे। स्टेडियम के बिना प्रैक्टिस से मिल रही मंजील

हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह देश के लिए खेलकर अपने क्षेत्र का गौरव बढ़ाए। लातेहार की वॉलीबॉल खिलाड़ी भी ऐसे ही सपने देखकर प्रैक्टिस करती हैं। उनकी प्रैक्टिस बेहतर कोचिग के साथ तो जरूर होती है लेकिन स्टेडियम के बदले बालिक उच्च विद्यालय के समीप छात्रावास के परिसर में। बरसात के दिनों में इस स्थान पर पानी का जमाव और कीचड़ जमा हो जाता है जिसके कारण प्रैक्टिस नहीं हो पाती। इसके बावजूद यहां की प्रतिभावान खिलाड़ियां निरंतर सफलता प्राप्त कर बाद की जुनियर खिलाड़ियों को बेहतर करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।

कोच की जुबानी :

सीमित संसाधन में निरंतर बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक की सफलता ही मुझे और मेरे खिलाड़ियों को बेहतर करने के लिए हमेशा प्रेरित करती है। इस दिशा में शासन-प्रशासन को थोड़ी और ध्यान देते हुए खिलाड़ियों की प्रैक्टिस हेतु स्टेडियम का निर्माण प्राथमिकता के साथ कराने की जरूरत है।

प्रवीण मिश्र, कोच डे बोर्डिंग सेंटर लातेहार।

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