बचपन के सपने को साकार कर रहीं बेटियां

बचपन से ही ट्रेनों का आवागमन देखने के बाद मन में इच्छा जागृत होती थी कि सरकारी नौकरी करें और रेलवे में बहाली हो। उसी सपने को हकीकत में बदलने के साथ-साथ अपने पैर खड़ा होने का सौभाग्य मिल सके और वह सपना हकीकत में बदला। बेटियां इन दिनों धनबाद रेल मंडल में ट्रेन चलाने के साथ-साथ ट्रेनों के परिचालन के लिए कोडरमा स्टेशन के केबिन में भी ऑपरेटिग का कार्य भी कर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 07:27 PM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 06:18 AM (IST)
बचपन के सपने को साकार कर रहीं बेटियां
बचपन के सपने को साकार कर रहीं बेटियां

अरविद चौधरी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): बचपन से ही ट्रेनों का आवागमन देखने के बाद मन में इच्छा जागृत होती थी कि सरकारी नौकरी करें और रेलवे में बहाली हो। उसी सपने को हकीकत में बदलने के साथ-साथ अपने पैर खड़ा होने का सौभाग्य मिले यह कामना हमेशा मन में रहती थी। कोडरमा स्टेशन में कार्यरत एकता व मोनिका का यह सपना आज हकीकत में बदल गया है। एकता व मोनिका जैसी कई बेटियां इन दिनों धनबाद रेल मंडल में ट्रेन चलाने के साथ-साथ ट्रेनों के परिचालन के लिए कोडरमा स्टेशन के केबिन में भी ऑपरेटिग का कार्य भी कर रही हैं। अब कोडरमा स्टेशन में परिचालन विभाग अंतर्गत पोटर कार्य में भी एकता कुमारी व मोनिका कुमारी लगी हैं। इनकी ड्यूटी सुबह 8 बजे से संध्या 4 बजे तक रहती है। एसएम के अधीन कार्यरत ये बेटियां गाड़ी को सिग्नल, गार्ड व चालक को कॉशन पहुंचाने के अलावा कई महत्वपूर्ण कार्यों को निपटा रही हैं। साथ ही रेलवे के बारीकियों को भी सीख रहीं हैं। दोनों रेलवे की नई तकनीकी के स्वरूप को भी काफी बेहतर बताती है। बिहार के रोहतास निवासी एकता कुमारी ने बताया 2018 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 28 जुलाई से वे कोडरमा स्टेशन पर कार्य कर रही हैं। वहीं पटना निवासी मोनिका कुमारी जो 2017 में स्नातक की पढ़ाई करने के बाद 28 जुलाई से कोडरमा स्टेशन पर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि सितंबर में पहला वेतन मिलने पर परिवार एवं मित्रों को मिठाई खिलाई। उन्होंने कहा कि बेटियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, जरूरत है उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ युवा पीढ़ी को रोजगार के क्षेत्र में कदम बढ़ाने की।

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