सिक्कों से भरी जेब फिर भी भूखे पेट, विरोध-प्रदर्शन

झुमरी तलैया में भिखारियों ने जुलूस निकालकर केंद्र व राज्य सरकार के प्रति गुस्से का इजहार किया।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 26 Nov 2017 04:50 PM (IST) Updated:Mon, 27 Nov 2017 11:34 AM (IST)
सिक्कों से भरी जेब फिर भी भूखे पेट, विरोध-प्रदर्शन
सिक्कों से भरी जेब फिर भी भूखे पेट, विरोध-प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। व्यवसायियों द्वारा सिक्कों का न लिया जाना आम लोगों के लिए तो परेशानी का सबब बना ही है, लेकिन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भिखारी हो रहे हैं। भिखारियों का यह दर्द रविवार को कोडरमा के झुमरीतिलैया में छलका। यहां विभिन्न ट्रेनों से भीख मांगते हुए पहुंचे दर्जनों भिखारियों ने जुलूस निकाल कर केंद्र व राज्य सरकार के प्रति गुस्से का इजहार किया।

भिखारी अघोषित रूप से बैंकों और व्यवसायियों द्वारा सिक्के नहीं लिए जाने से आक्रोशित थे। ये भिखारी यहां झारखंड, बिहार और बंगाल के विभिन्न इलाकों से प्रतिदिन आते हैं। भिखारियों का कहना था कि उन्हें भीख में केवल सिक्के ही मिलते हैं, लेकिन बाजार में इन्हें कोई लेना नहीं चाहता। बैंकों में भी इसे बदलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। बैंकों में तो दरवाजे से ही उन्हें भगा दिया जाता है। आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि पहचान पत्र नहीं होने से बैंक में खाता भी नहीं खुल पाता। जिन लोगों के पास खाते हैं भी उनसे से भी बैंकों में सिक्के नहीं लिए जाते हैं।

बैंक में कहा जाता है कि 10 हजार रुपये जमा करने पर कुल राशि की 10 फीसद रकम यानी एक हजार रुपये के सिक्के लेंगे। ऐसे में उनके समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्हें भुखमरी की समस्या से जूझना पड़ रहा है, जबकि बिचौलिए सिक्के बदलने के नाम पर मोटी रकम कमीशन के रूप में ले लेते हैं। जुलूस में शामिल भिखारियों ने माइक लगाकर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वे लोग बैंकों में विशेष कैंप लगाकर भिखारियों के सिक्के बदलने की मांग कर रहे थे।

बाद में झंडा चौक पर एक सभा को संबोधित करते हुए दयाशंकर पांडेय ने भिखारियों से सिक्के बदलने की विशेष व्यवस्था किए जाने की मांग की। रैली में सोहेल अख्तर, पार्वती शांति, विश्वनाथ गोस्वामी, कृष्णा मुखर्जी, शिबू हांसदा, विष्णु कुमार, रवि बागड़ी, गोपाल साव, सासाराम के रामायण यादव, पहाड़पुर के कोकाली रवानी, गया की आलोक देवी, रामानंद सिंह, शांति देवी, कैलाश पासवान, पानो देवी, महोदा की उषा देवी, बराकर के उत्तम मंडल, तिलैया के आनंद कुमार, विक्की कुमार, रूपेश गुहा आदि शामिल थे।

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