संवैधानिक अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे कुमार रौशन
संविधान के अनुच्छेद 39.क में हर नागरिक को सामाजिक न्याय प्रदान ।
संवाद सहयोगी, कोडरमा : संविधान के अनुच्छेद 39.क में हर नागरिक को सामाजिक न्याय प्रदान करने की बात की गई है। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति आर्थिक या किसी अन्य कारण से न्याय से वंचित नहीं रह सकता है। हर नागरिक को समान अवसर के साथ-साथ सुलभ न्याय भी उपलब्ध होना चाहिए। कोडरमा व्यवहार न्यायालय के युवा अधिवक्ता सह कोडरमा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के रिटेनर अधिवक्ता कुमार रौशन पिछले छह वर्षों से जिला विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़कर लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस दौरान वे व्यवहार न्यायलय व डालसा के अधिकारियों के साथ गांव-गांव में जाकर आमजनों को जागरूक करते हैं। साथ ही जरूरतमंदों को निश्शुल्क विधिक परामर्श देकर उनकी मदद करते हैं। अबतक वे जिले के विभिन्न गांवों में 50 से अधिक जागरूकता शिविर के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों और जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उन्हें मिलनेवाले सहयोग के बारे में बताकर उन्हें जागरूक कर चुके हैं। यह प्रक्रिया सतत जारी है। इसके अलावा प्राधिकार के कार्यालय में भी रहकर जरूरतमंदों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं। साथ ही लोगों को कानून के बारे में जानकारी देते हैं। रौशन कहते हैं वर्ष 1987 में विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत केन्द्र, राज्य और जिला स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति,उपसमिति एवं तहसील सेवा समिति का गठन किया गया है। लेकिन जागरूकता के अभाव के कारण लोग इसका समुचित लाभ उठा नहीं पाते हैं। प्राधिकार के स्तर से आमजनता को सुलभ न्याय के लिए उपलब्ध सुविधाएं और लाभ की जानकारी दी जा जाती है, ताकि गरीब, अभिवंचित और साधन-सुविधाओं के अभाव में न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर लोगों को इसका लाभ मिल सके। रौशन कहते हैं आज जिला स्तर पर न्यायपालिका में सबसे महत्वपूर्ण कोई हिस्सा है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकार है। प्राधिकार न्यायिक प्रक्रिया को सरल व सहज बनाने वाली एक एजेंसी संस्था है, जो लोगों को शीघ्र सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में सतत प्रयत्नशील रहता है। समाज के अंतिम पंक्ति मे खड़े लोगों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करता है। प्राधिकार लोगों तक कानून व न्याय के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से समय-समय पर जिले के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन कर संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए अधिकार और कानून की बुनियादी प्रावधानों की जानकारी देता है। इसी प्राधिकार के अधीन वे यथासंभव अपने कार्यों को करते हैं। प्राधिकार द्वारा न्याय के लिए उपलब्ध व्यवस्था में निश्शुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है, आम लोगों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए प्राधिकार द्वारा रिटेनर अधिवक्ता और पारा लीगल वालंटियर कार्यरत हैं, जो प्राधिकार में आनेवाले लोगों को निश्शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने में मदद करते हैं।