सोनपुरगढ़ स्थित माता के मंदिर में लोगों की मनोकामना होती है पूर्ण
तोरपा प्रखंड के प्रसिद्ध सोनपुरगढ़ स्थित माता नकटी देवी मैया का जो भी भक्त सच्चे मन से पूजा करते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है।
संसू, तोरपा : तोरपा प्रखंड के प्रसिद्ध सोनपुरगढ़ स्थित माता नकटी देवी मैया का जो भी भक्त सच्चे मन से मा की आराधना करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। आज तक मा के दर पर जो भी हाजरी लगाया मा ने किसी को निराश नहीं किया। यह मंदिर तोरपा मुरहू पथ के जरिया पंचायत के सोनपुरगढ़ में स्थित है। मंदिर के पुजारी पंडित सुधीर मिश्रा बताते हैं कि इन स्थान में बिराजमान मां अष्टभुजी मां का नाक कटी हुई है जिस कारण से माता को नकटी देवी कहते हैं। आज से लगभग कई सालों पूर्व यह जगह राजा का गढ़ हुआ करता था। यहा के राजा इस मंदिर के माता को अपना कुल देवी मानते थे और सेवा कर उनके स्वजन पूजा अर्चना करते थे। सब अच्छा चल रहा था इसी बीच राजा के बेटे की हत्या उसी मंदिर के पास हो गई थी। तब राजा माता के दरबार मे आकर काफी मन्नते व पूजा किया कि मेरे बेटे को जीवित कर दे, लेकिन राजा का बेटा जीवित नहीं हुआ। जिससे क्रोधित होकर राजा अपने स्वजनों को लेकर किसी दूसरी जगह चले गए। जिसके बाद से उस मंदिर में पूजा अर्चना भी बंद ही गया। काफी समय व्यतीत होने के बाद गाव में महामारी व कई तरह की बीमारी फैलने लगे। किसी ने सुझाव दिया कि मंदिर में पूजा नहीं होने के कारण गांव में इस तरह की महामारी फैल रही है। तब आखिर में किसी पुरोहित को बुला कर मंदिर में पूजा अर्चना कराया गया। जिसके चंद घंटों के बाद ही सभी बीमारी खत्म हो गई। तब से मंदिर में मान्यता होने लगी कि सच्चे मन से पूजा करने पर सभी की मन्नते पूरी हो जाती है।