कृषि आधारित उद्योगों पर मिलेगा अनुदान

सरकार ने अगले तीन वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के तरीके पर विशेष जोर दिया जा रहा हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 20 Jul 2019 12:41 AM (IST) Updated:Sat, 20 Jul 2019 06:34 AM (IST)
कृषि आधारित उद्योगों पर मिलेगा अनुदान
कृषि आधारित उद्योगों पर मिलेगा अनुदान

जागरण संवाददाता,जामताड़ा : सरकार ने अगले तीन वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने का महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने के तरीके पर विशेष जोर दिया जा रहा हैं। इन तरीकों में कृषि संबद्ध गतिविधियों द्वारा आय सृजन करना प्राथमिकता है। शुक्रवार को स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में डेयरी उद्यमिता विकास कार्यक्रम (डीईडीएस) पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीडीएम नाबार्ड आनंद कुमार ने ये बातें कही। इससे पूर्व जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक एसएल बैठा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

नाबार्ड के डीडीएम ने कहा कि पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है जिससे किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए पशुपालन, मत्स्य पालन एवं डेयरी विभाग एक योजना चला रही है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार डेयरी क्षेत्र में बैंक ऋण के माध्यम से किसानों को दूध प्रसंस्करण उद्यम स्थापित करने के लिए अनुदान दे रही है। इस योजना का नाम डेयरी उद्यमिता विकास कार्यक्रम हैं। डीईडीएस कार्यक्रम को पूरे भारत में संचालित करने की जिम्मेदारी नाबार्ड को मिली है। इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के किसानों को परियोजना परिव्यय पर 25 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को 33 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान हैं। उन्होंने योजना के तहत अनुदान के लिए प्रमुख गतिविधियों की चर्चा की।

छोटी डेयरी की इकाइयों की स्थापना के लिए दस पशुओं तक की इकाई के लिए और बछिया पालन, संकर देशी नस्ल के दुधारू पशु और मुर्रा भैंस, अधिकतम 20 बछिया तक के लिए सरकार सात लाख रूपये देगी। दुधारू पशु इकाई सहित वर्मी कम्पोस्ट, दूध निकालने वाली मशीनों मिल्क टेस्टरों की खरीद एवं बल्क दूध प्रशीतन इकाइयां 5 हजार लीटर तक की क्षमतावाली, देशी दुग्ध उत्पादों की तैयारी के लिए डेरी प्रसंस्करण उपकरणों की खरीद, दुग्ध उत्पाद यातायात सुविधाओं और कोल्ड चेन की स्थापना, डेयरी उत्पादों के संरक्षण के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने,निजी पशु चिकित्सालयों की स्थापना, मोबाइल क्लीनिक, चलायमान क्लिीनिक और स्थायी क्लीनिक, दुग्ध विपणन केन्द्र, डेरी पार्लर की स्थापना के लिए सरकार निर्धारित अनुदान पर आíथक मदद करेगी।

डीडीएम ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में साल भर यह योजना चालू रहेगी। किसान, उद्यमी को नजदीकी बैंक शाखा में आवेदन.पत्र जमा करना है। बैंक शाखा इसे स्वीकृत करके पहली किस्त निर्गत करने के 60 दिनों के अंदर संबंधित नियंत्रण कार्यालय के माध्यम से नाबार्ड को अनुदान जारी करने का अनुरोध ऑनलाइन तरीके से कर सकते है। डीईडीएस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में भारत सरकार ने झारखंड राज्य के लिए 624.24 लाख आवंटन किया है।

जिला गव्य तकनीकी पदाधिकारी बिपिन कुमार और आरसेटी के निदेशक श्रीकांत शर्मा ने किसानों को गव्य से संबंधित प्रस्ताव निर्माण के लिए तकनीकी सलाह प्रदान की। मौके पर झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक, एसबीआई, केनरा बैंक, आईडीबीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ोदा,यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया,यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी और इलाहाबाद बैंक के ब्रांच मैनेजर एवं बदलाव ़फाउंडेशन, सरिता, ग्रीन नेचूरल सोशल वेल़फेयर के प्रतिनिधियों और किसानों ने भाग लिया।

chat bot
आपका साथी