कर्मियों की कमी से श्रमिकहित योजना में सुस्ती

जामताड़ा श्रमिक हित में श्रम प्रवर्तन विभाग कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। लेकिन जिला व प्रखंड कार्यालयों में पदाधिकारी-कर्मचारियों की कमी से समय पर श्रमिक के पास योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। वर्तमान समय में किस-किस प्रकार की योजनाएं क्रियान्वित है। लक्ष्य के विरुद्ध कितने सफलता हासिल करने में विभाग सफल रहा है श्रमिकों के हितों की रक्षा करने को स्थापित किए गए श्रम विभाग का बुरा हाल है। यहां न केवल अधिकारी बल्कि कर्मचारियों का भी अभाव है। इसका असर श्रमिकों के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं पर पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Dec 2019 06:17 PM (IST) Updated:Wed, 04 Dec 2019 06:17 PM (IST)
कर्मियों की कमी से श्रमिकहित योजना में सुस्ती
कर्मियों की कमी से श्रमिकहित योजना में सुस्ती

जामताड़ा : श्रमिक हित में श्रम प्रवर्तन विभाग कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहा है। लेकिन जिला व प्रखंड कार्यालयों में पदाधिकारी-कर्मचारियों की कमी से समय पर श्रमिक के पास योजनाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। वर्तमान समय में किस-किस प्रकार की योजनाएं क्रियान्वित है। लक्ष्य के विरुद्ध कितने सफलता हासिल करने में विभाग सफल रहा है, श्रमिकों के हितों की रक्षा करने को स्थापित किए गए श्रम विभाग का बुरा हाल है। यहां न केवल अधिकारी बल्कि कर्मचारियों का भी अभाव है। इसका असर श्रमिकों के कल्याणार्थ संचालित योजनाओं पर पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त जहां दुकानदारों को पंजीयन कराने में परेशानियां सामने आ रही हैं। वहीं श्रमिकों की भुगतान संबंधी समस्याओं के मामले में विभाग पल्ला झाड़ता दिखाई दे रहा है। देश के संविधान में सभी वर्गो के हितों की रक्षा का प्रावधान है। श्रमिक वर्ग के हितों की रक्षा के लिए भी बाकायदा श्रम प्रवर्तन विभाग का गठन किया गया है। वर्तमान में यह विभाग अधिकारी व कर्मचारियों की जबरदस्त कमी से जूझ रहा है। यहां न तो पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों का स्टाफ है और न ही अधिकारी हैं। हालत यह है कि जिला श्रम अधीक्षक कार्यालय में एक भी नियमित कर्मचारी पदस्थापित नहीं हैं। पीछले कई वर्षो से अस्थायी व्यवस्था में संचालित हो रहा है। जिला कार्यालय में लिपिक व अनुसेवक के एक-एक पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्षो पूर्व से यह दोनों पद रिक्त हैं। इतना ही नहीं पहले जामताड़ा जिला में श्रम अधीक्षक पदस्थापित थे लेकिन पीछले वर्ष से दुमका में पदस्थापित श्रम अधीक्षक के प्रभार पर आश्रित हैं। प्रत्येक प्रखंड में एक-एक श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के पद स्वीकृत हैं जिले में छह प्रखंड है। लेकिन सभी छह प्रखंड का दायित्व एक मात्र श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के जिम्मे है। इन स्थितियों में जिलास्तरीय कार्यालय अस्थाई कर्मियों के बाबूओं व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे चल रहा है। जब कभी दुकानदार या श्रमिक किसी समस्या को लेकर पहुंचते हैं तो विभागीय कर्मी कार्यालय में अधिकारी न होने की बात कहकर उन्हें टरका देते हैं। इस तरह दुकानदारों के साथ श्रमिकों की समस्याओं में बढ़ोत्तरी हो गई है। हालांकि श्रम अधीक्षक ने इन स्थितियों से निपटने को प्रत्येक सप्ताह तीन दिन जामताड़ा व तीन दिन दुमका में रहकर काम करने का खाका खींचा है। लेकिन, वे इसमें कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, अधिकांश समय उन्हें दुमका में ही बिताना पड़ रहा है। इसका असर जामताड़ा जिले के कामकाज पर दिखाई दे रहा है।

-- ये हैं संचालित योजनाएं : श्रमिकों के हित में अनेक योजनाएं संचालित हैं। प्रमुख रूप से दुर्घटना सहायता योजना, मातृत्व हितलाभ योजना, शिशु पुष्टाहार योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, कामगार मृत्यु एवं अंत्येष्टि योजना, निर्माण कामगार गंभीर बीमारी सहायता योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, निर्माण कामगार पुत्री विवाह अनुदान योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना आदि शामिल हैं।

-- श्रमिकों के पंजीयन कार्य अधूरे : निर्माण में लगे श्रमिक जिनकी आयु अठारह से साठ वर्ष के मध्य है और वे एक साल में नब्बे दिन या उससे अधिक अवधि से कार्य कर रहे हैं, ऐसे सभी श्रमिकों का पंजीयन श्रम विभाग में किया जा रहा है। लेकिन, यह कार्य भी अधिकारी व कर्मचारियों की कमी से प्रभावित हो रहा है। पीछले कई माह पूर्व अभियान के तहत शिविर लगाकर श्रमिकों से पंजीकरण कराने संबंधित आवेदन पत्र प्राप्त किया था। जिसमें करीब 8 हजार श्रमिकों का पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है। कार्य बल के अभाव में पंजीकरण प्रक्रिया कच्छप गति से चल रही है।

-- वर्जन : केवल जामताड़ा जिला में ही नहीं अन्य जिले में भी श्रम विभाग में पदाधिकारी व कर्मचारियों का अभाव है। मुझे भी दुमका व जामताड़ा जिला का प्रभार मिला है। जामताड़ा जिले में छह प्रखंड के लिए एक मात्र श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी हैं। कार्यालय में कोई भी नियमित कर्मी नहीं है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत काम चलाया जा रहा है। मेरा प्रयास होता है कि संचालित योजनाओं का लाभ समय पर जरूरतमंद को मिल सके। रिक्त पदों पर पदाधिकारी व कर्मचारियों के पदस्थापन को लेकर समय-समय पर राज्य मुख्यालय को पत्राचार किया जा रहा है। पदाधिकारी व कर्मचारी के पदस्थापन के बाद समस्या का निदान होगा।

शैलेंद्र कुमार साह, प्रभारी श्रम अधीक्षक।

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