मंडलकारा के बंदियों को बताए अधिकार

जामताड़ा : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से बुधवार को मंडलकारा में जेल अ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Aug 2018 08:18 AM (IST) Updated:Fri, 17 Aug 2018 08:18 AM (IST)
मंडलकारा के बंदियों को बताए अधिकार
मंडलकारा के बंदियों को बताए अधिकार

जामताड़ा : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से बुधवार को मंडलकारा में जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्राधिकार के सचिव बिपिन बिहारी गौतम ने की। बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति के लोग, औद्योगिक कर्मकार, कारागार में बंद व्यक्ति तथा जिनकी आय एक रुपये से कम है वे सभी मुफ्त और सक्षम विधिक सेवा के हकदार हैं। विधिक सेवा के अंतर्गत किसी भी न्यायालय में केस दायर करने के लिए या किसी ने केस दायर कर दिया है तो उसमें उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए वकील तथा कोर्ट शुल्क मुफ्त में दिया जाता है। कागज तैयार करने नकल निकालने के लिए ही सारा खर्च विधिक सेवा प्राधिकार करता है।

उन्होंने बताया कि चेक बाउंस के मामले अंतर्राज्यीय व्यापार पारिवारिक मामले में विधिक सहायता उपलब्ध है। एसिड हमले में पीड़ित को मुआवजा एक लाख अविलंब दिया जाता है। दो महीने के बाद दो लाख रुपये देने का प्रावधान है।

कारा अधीक्षक प्रीति लता किस्कू ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बंदियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। कहा कि किसी भी प्रकार की न्यायिक प्रक्रिया की समस्या है तो वह जेल में नियुक्त अधिवक्ता को आवेदन के माध्यम से न्यायालय को सूचित करें ताकि उनके मामले में अग्रतर कार्रवाई की जा सके। आप यहां से जब भी जाएं समाज में एक अच्छा पैगाम लेकर जाएं और लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें ताकि आपको दुबारा यहां आना न पड़े। इस मौके पर न्यायिक दंडाधिकारी अर¨वद कुमार, अधिवक्ता मुकेश कुमार ¨सह, ¨पटू गुप्ता, मोहम्मद सुफियान, सुरेश प्रसाद ¨सह, नागेंद्र ओझा, प्रदीप तिवारी, नित्यानंद चौधरी, अभिषेक कुमार, विमल टूडू, गिरधारी महतो, संदीप गुप्ता, निताई मंडल आदि मौजूद थे।

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