महान समाज सुधारक थे संत रविदास
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को संत रविदास की जयंती पर अमलाचातर में वनभ
संवाद सहयोगी, जामताड़ा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रविवार को संत रविदास की जयंती पर अमलाचातर में वनभोज किया। स्वयंसेवकों ने संत रविदासजी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला कार्यवाह राजाराम मंडल ने कहा कि संत रविदास एक महान संत, दार्शनिक, कवि, समाज सुधारक और ईश्वर के अनन्य भक्त थे। उन्होंने पूरे समाज को अध्यात्म और सामाजिकता का संदेश दिया। संत रविदास बचपन से ही समाज की बुराइयों को दूर करने के प्रति अग्रसर रहे। कहा कि संत रविदास ने अपनी अनेक रचनाओं के माध्यम से समाज मे व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कृष्णा साह ने कहा कि संत रविदास की दी गई सीख लेकर उनके बताए मार्ग पर चलना और उनसे मिले ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। उनके जीवन की छोटी मोटी घटनाओं से उनके विशिष्ट गुणों का पता चलता है।
एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक बार एक पर्व पर उनके पड़ोस के लोग गंगाजी में स्नान के लिए जा रहे थे। रविदास के शिष्यों में से एक ने उनसे भी गंगा स्नान के लिए चलने का आग्रह किया। उन्होंने उत्तर दिया-गंगा स्नान के लिए मैं अवश्य चलता कितु एक व्यक्ति को जूते बनाकर आज ही देने का वचन मैंने दे रखा है। यदि मैं उसे आज जूते नहीं दे सका तो मेरा वचन भंग होगा। ऐसे में गंगा स्नान के लिए जाने पर मन यहां लगा रहेगा तो पुण्य कैसे प्राप्त होगा। मन जो काम करने के लिए अंत:करण से तैयार हो, वही काम करना उचित है।
इस अवसर पर अनिमेष मधुकर, वेदप्रकाश, संतोष कुमार, मनीष दुबे, मितेश साह, सुकुमार सर्खेल, अनूप दास, गौरव, सोनू पांडेय, ओम कुमार, सूदन राय, चंदन कुमार, राकेश पाल, बलबीर यादव समेत दर्जनों स्वयंसेवक सम्मिलित हुए।