बेड की समस्या से मरीजों को मिलेगी मुक्ति

जामताड़ा 100 बेड क्षमतावाला सदर अस्पताल पिछले कई सालों से वार्ड व बेड की किल्लत झेल रहा है। ऐसे में मरीजों को अस्पताल में बेड की दिक्कत बराबर होती है। पर अब अस्पताल में वार्ड व बेड का अभाव नहीं होगा। इस बाबत अस्पताल उपाधीक्षक ने 25 बेड विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसे सुनिश्चित कराने को लेकर अस्पताल में वर्षो से खाली पड़े कपड़ा धुलाई हॉल को वार्ड में परिवर्तित किया जाएगा। वहीं सदर अस्पताल में वार्ड के अभाव में सुरक्षित रखा गया बेड वहां लगाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jan 2020 08:04 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jan 2020 06:14 AM (IST)
बेड की समस्या से मरीजों को मिलेगी मुक्ति
बेड की समस्या से मरीजों को मिलेगी मुक्ति

जामताड़ा : 100 बेड क्षमतावाला सदर अस्पताल पिछले कई सालों से वार्ड व बेड की किल्लत झेल रहा है। ऐसे में मरीजों को अस्पताल में बेड की दिक्कत बराबर होती है। पर अब अस्पताल में वार्ड व बेड का अभाव नहीं होगा। इस बाबत अस्पताल उपाधीक्षक ने 25 बेड विस्तार करने का निर्णय लिया है। इसे सुनिश्चित कराने को लेकर अस्पताल में वर्षो से खाली पड़े कपड़ा धुलाई हॉल को वार्ड में परिवर्तित किया जाएगा। वहीं सदर अस्पताल में वार्ड के अभाव में सुरक्षित रखा गया बेड वहां लगाए जाएंगे।

मालूम हो की जिलास्तरीय एक मात्र सदर अस्पताल रहने के कारण यहां केवल जामताड़ा जिले के छह प्रखंड के मरीज ही नहीं बल्कि आसपास जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों के मरीज भी सदर अस्पताल पहुंचते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 200 मरीजों की आवाजाही होती है। जबकि सदर अस्पताल में बेड की संख्या अभी सौ ही है। अस्पताल के विस्तारीकरण में वार्ड में कई प्रकार के जांच घर, ओपीडी, परामर्शी केंद्र स्थापित किए जाने के कारण बेड की संख्या 70 से 80 ही रह गई है। बंध्याकरण, नेत्र ऑपरेशन या अन्य प्रकार के शिविर संपन्न होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल के फर्श पर जगह मिलती है।

बताया गया कि चिकित्सा पदाधिकारी के संपर्क वाले मरीज को बेड मिल जाता था लेकिन शेष मरीज को बेड नसीब नहीं होता था। नव पदस्थापित अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर आजाद ने बेड की समस्या को गंभीरता से लिया और निदान करने का निर्णय लिया। अस्पताल भवन में एक बड़ा हॉल कपड़ा धुलाई के नाम पर बेकार है। प्रबंधन ने वर्षो पूर्व उक्त हॉल को कपड़ा धुलाई के नाम आवंटित किया था लेकिन हॉल में अब तक कोई कार्य नहीं हुआ। अब उपाधीक्षक ने उक्त हॉल में बेड सजाने का कार्य शुरू किया है।

-- सुविधा बढ़ती गई, वार्ड कम होते गए : अस्पताल में आरंभ काल में दर्जनों कक्ष में वार्ड स्थापित किया गया था। 100 से अधिक बेड वार्ड में थे। लेकिन बाद में एसएनसीयू, आइसीयू, रक्त भंडारण केंद्र, नेत्र ओपीडी, सहिया रेस्ट हाउस, विश्राम कक्ष, ममता वाहन नियंत्रण कक्ष, यक्ष्मा जांच केंद्र समेत अन्य कक्ष स्थापित होने से वार्ड का विलय होता गया। वर्तमान समय में नौ बेड क्षमता का महिला वार्ड, 10 बेड क्षमता के पुरुष वार्ड, 9 बेड क्षमता का डायरिया वार्ड, 9 बेड क्षमता के यक्ष्मा वार्ड, 2 बेड क्षमता के एमडीआर वार्ड, 8 बेड क्षमता के सिजेरियन वार्ड, 15 बेड क्षमता के प्रसूता वार्ड, 8 बेड क्षमता की गर्भवती वेंटिग वार्ड संचालित है। जबकि अस्पताल में औसतन 200 सामान्य मरीज पहुंचते हैं। इसमें 10 प्रतिशत मरीज भर्ती होने की स्थिति में होता है। --- वर्जन : बेड के अभाव में मरीजों को परेशानी होती थी। ऐसे में अस्पताल भवन विस्तार करना संभव नहीं था। अब वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अस्पताल भवन में बेकार पड़े हॉल में अतिरिक्त 25 बेड सुसज्जित करने का निर्णय लिया गया है। जनवरी माह के अंत तक उक्त हॉल में 25 बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी। उक्त बेड में शिविर में आए मरीजों को स्थान दिया जाएगा। या आपातकालीन स्थिति में उपयोग किया जाएगा। डॉ. चंद्रशेखर आजाद, सदर अस्पताल उपाधीक्षक।

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