अब जामताड़ा में कोरोना मरीज की मशीन से होगी पहचान

जामताड़ा महामारी नियंत्रण को चल रहे प्रयास से प्रखंड व जिलास्तरीय अस्पतालों में उपचार संबंि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 07:45 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 07:45 PM (IST)
अब जामताड़ा में कोरोना मरीज की मशीन से होगी पहचान
अब जामताड़ा में कोरोना मरीज की मशीन से होगी पहचान

जामताड़ा : महामारी नियंत्रण को चल रहे प्रयास से प्रखंड व जिलास्तरीय अस्पतालों में उपचार संबंधित कई प्रकार के संसाधनों का विस्तार हुआ है। इतना ही नहीं अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक व अस्पताल कर्मियों की कार्यशैली में व्यापक बदलाव आया है। जिला तथा प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बने। सदर अस्पताल तथा जिला स्तरीय कोविड 19 अस्पताल में वेंटिलेटर युक्त बेड की सुविधा हुई। है। पंचायत, प्रखंड तथा जिलास्तरीय अस्पतालों में थर्मल पावर स्क्रीनिग, आक्सीजन सिलेंडर, ब्लड बैंक में ब्लड उपलब्धता, सभी अस्पताल सैनिटाइजिग की सुविधा से लैस हुआ। अब कोरोना मरीजों की पहचान के लिए ट्रूनेट मशीन भी स्वास्थ्य महकमा को मिल चुकी है। बुधवार से मशीन से जांच अस्पताल में होगी।

लॉकडाउन दूसरे चरण से ही संसधनों का विस्तार यहां दिखने लगा। अस्पतालों में बने आइसोलेशन वार्ड में केवल कोरोना संक्रमित मरीजों का ही उपचार नहीं होगा बल्कि फ्लू से ग्रसित मरीजों का भी यहां उपचार की सुविधा मिलेगी। इसी प्रकार उच्च संदिग्ध मरीज के 20 बेड क्वारंटाइन वार्ड में स्थापित हैं। सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 12 बेड स्थापित हैं जहां किसी भी प्रकार के फ्लू से ग्रसित मरीजों का सहजता से उपचार हो सकेगा। इधर प्रत्येक प्रखंड स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में पांच-पांच बेड का आइसोलेशन वार्ड बना है। जिलास्तरीय कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में तीन वेंटिलेटर युक्त बेड हैं।

--- तीन वाईटेप व पांच फाइव पारा मॉनिटर : जरूरतमंद मरीजों को मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन देने के लिए जिले में तीन वाईटेप मशीन आई है। मरीज के बीपी, प्लस, शरीर में उपलब्ध आक्सीजन की मात्रा का आकलन पांच फाइव पारा मॉनिटर यंत्र भी उपलब्ध कराया गया। शरीर में आक्सीजन की मात्रा स्वत: बढ़ाने को पांच आक्सीजन कांसेट्रेटर उपकरण भी मिला। आक्सीजन कांसेट्रेटर का काम है शरीर में आक्सीजन की मात्र को स्वत: बढ़ाना। पूर्व में गैस सिलिंडर के माध्यम से आक्सीजन मरीजों को उपलब्ध कराया जाता था।

--- 20 हुई थर्मल पावर स्कैनर यंत्रों की संख्या : लॉकडाउन के आरंभ काल में जिले में थर्मल पावर स्कैनर की संख्या महज तीन थी। लेकिन अब 20 हो गई है। प्रखंड ही नहीं, पंचायत स्तरीय स्वास्थ्य केंद्रों में भी थर्मल पावर स्कैनर उपलब्धता हो चुका है। अब कोई भी संक्रमित या लाक्षणिक व्यक्ति अपने पंचायत स्तरीय स्वास्थ केंद्र में भी स्क्रीनिग जांच करा सकेंगे।

--- पहली बार जिले में संक्रमित व्यक्ति की होगी पहचान : अब तक जिले में कोरोना संक्रमित की पहचान धनबाद तथा जमशेदपुर लैब में नमूना जांचोपरांत होती थी। लेकिन अब जिले में ट्रुनेट मशीन उपलब्ध होने से संक्रमित व्यक्ति की पहचान संभव होगी। यहां ट्रूनेट मशीन उपलब्ध हो चुकी है। यक्ष्मा विभाग के प्रशिक्षित तकनीशियन रांची से प्रशिक्षण प्राप्त कर यहां पहुंच चुके हैं। यही तकनीशियन संक्रमित व्यक्ति की पहचान ट्रुनेट मशीन के माध्यम से करेंगे।

--- वर्जन : कोरोना से बचाव को चिकित्सकीय टीम संसाधनों के बूते पहले से काफी मजबूत हुई है। कई चिकित्सकीय उपकरण मिले हैं। सुविधाएं बढ़ी है। अब जिले में ही संक्रमित की पहचान हो जाएगी। इसके लिए ट्रुनेट मशीन उपलब्ध हो चुकी है। डॉ. आशा एक्का, सिविल सर्जन।

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