बारिश खेतों में लगी फसल को पहुंचा नुकसान

जागरण संवाददाता जामताड़ा नेता व अधिकारी जहां-तहां झारखंड स्थापना वर्षगांठ मनाने में व्यस्त

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Nov 2021 04:07 PM (IST) Updated:Mon, 15 Nov 2021 04:07 PM (IST)
बारिश खेतों में लगी फसल को पहुंचा नुकसान
बारिश खेतों में लगी फसल को पहुंचा नुकसान

जागरण संवाददाता, जामताड़ा : नेता व अधिकारी जहां-तहां झारखंड स्थापना वर्षगांठ मनाने में व्यस्त हैं तो अभी दो दिन पहले हुई बारिश के कारण आलू व धान से जुड़े कृषक फसल के भारी नुकसान से परेशान हैं। विशेषकर धान-आलू किसानों के बेहतर फसल के मंसूबे पर इस वर्षा ने पानी फेर दिया है। रोपे गए आलू खेत में जलजमाव हो जाने से सड़ने का खतरा बढ़ गया है। जबकि खेतों में लगे पके धान जमीन पर गिर कर धराशायी हो गए हैं। जिन किसानों ने धान की कटनी कर खेतों में सूखने के लिए छोड़ दिया था। उन खेतों में पानी भर जाने से किसानों को भारी क्षति पहुंची है।

करमाटांड़ प्रखंड के निजकजरा गांव के किसान शंकर भंडारी ने बताया कि वह दो एकड़ धान काटकर सूखने के लिए खेत में ही छोड़ दिए थे। शनिवार की संध्या हुई तेज बारिश ने कटे धान के पौधे को पूरी तरह से डूबो दिया। दो दिन बाद पानी में डूबे धान को निकालने गया तो आधे से अधिक धान बर्बाद हो चुका था। बचे हुए धान अंकुरित हो जाने जाने से व्यापारी भी उसे नहीं खरीद रहे। इधर आलू कृषकों का बुरा हाल है। आलू रोपे गए खेत में पानी भर जाने से आलू के बीज भी सड़ने-गलने की संभावना बढ़ गई है। सुपाइडीह गांव के आलू कृषक रवि मुर्मू व रामकिशन टुडू बताते हैं कि आलू लगे खेतों में पानी भरने से कम से कम 20 से 25 प्रतिशत तक आलू बीज का सड़ना तय है। बचे हुए आलू बीज में पौधा आएगा परंतु उपज प्रभावित होगी।

कृषक शंकर भंडारी बताते हैं कि अब तो फसल बीमा से भी विश्वास उठ गया है। गत दो-तीन साल से बीमित किसानों को क्या मिला? यह सरकार व अधिकारियों से छिपा नहीं हैं। ऐसे हालत में किसानों को कर्ज में डूबने से कोई नहीं बचा सकता है।

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