अपने राज्य में ही रोजगार मिलेगा तो क्यों जाएं परदेश

करमाटांड़ (जामताड़ा) करमाटांड़ प्रखंड के प्रवासी मजदूरों का घर आने का सिलसिला जार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 06:49 PM (IST) Updated:Sat, 23 May 2020 06:49 PM (IST)
अपने राज्य में ही रोजगार मिलेगा तो क्यों जाएं परदेश
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करमाटांड़ (जामताड़ा) : करमाटांड़ प्रखंड के प्रवासी मजदूरों का घर आने का सिलसिला जारी है। ऐसे में बड़े तादाद में गुजरात, मुंबई, हरियाणा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा समेत विभिन्न जगहों से मजदूरों का क्षेत्र में आवागमन हो रहा है। कुछ प्रवासी मजदूर सरकारी सुविधा से तो कुछ परिवार से पैसे मंगाकर घर वापस आ रहे हैं। प्रवासी मजदूरों ने बताया कि किस को अपना घर प्यारा नहीं होता है लेकिन हुनर व मेहनत करने की क्षमता रहने के बाद भी अपने प्रदेश में रोजगार नहीं मिलने से परदेश जाना पड़ता है। वहीं कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि सरकारी बस व्यवस्था से निश्शुल्क घर पहुंच चुके हैं। शनिवार को भी बड़ी तादाद में करीब 200 से अधिक प्रवासी मजदूर करमाटांड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां उनका थर्मल स्कैनिग करके छोड़ा गया। डॉक्टर संजय पासवान के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने थर्मल स्कैनिग करते हुए उन्हें होम क्वारंटाइन करने के लिए पर्ची दिया। चिकित्सकों की टीम ने सभी प्रवासी मजदूरों को कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। जिसमें 14 दिनों तक अपने घरों में रह कर क्वारंटाइन के प्रावधानों के अनुपालन करने को कहा। चिकित्सकों की टीम में राम नारायण सिंह, संगीता कुमारी, अंजली रानी समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

क्या कहते हैं प्रवासी मजदूर

प्रखंड के भीठरा ग्राम निवासी तबारक अंसारी ने बताया कि चेन्नई से घर वापस लौटे हैं जहां 9000 प्रति व्यक्ति भाड़ा वसूली की गई। 15 लोग संयुक्त रूप से एक बस में सवार होकर चेन्नई से घर वापस आए जो जामताड़ा आकर रूकी। जामताड़ा में रात को पहुंचने पर किसी तरह की कोई प्रशासनिक सुविधा नहीं दी गई। इसके बाद हम लोग पैदल ही घर की ओर चल दिए सुबह होते-होते हम लोग करमाटांड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां पर जांच कराकर होम क्वारंटाइन किया। चेन्नई में काफी मजबूरी थी परेशान थे जिसकी वजह से घर वापस लौटे हैं। घर से पैसे मंगाकर ही भाड़े का भुगतान किया हूं।

-- बारादाहा निवासी जाहिर अंसारी ने बताया कि गुजरात के मदरसे में हम लोग पढ़ाई करते हैं जहां सरकारी सुविधा के अनुसार बस से घर लाया गया। कुल 34 छात्र हैं जो गुजरात से घर वापस आए हैं जिससे भाड़े या सुविधा के नाम पर किसी तरह का कोई राशि नहीं लिया गया है। इसके लिए सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद ।

---तिलैया निवासी कन्हैया सिंह ने बताया कि कर्नाटक से सरकारी सुविधा के तहत बस दी गई थी जो नारायणपुर में पहुंचाया। नारायणपुर से करमाटांड़ आने के लिए सुविधा नहीं होने से निजी टेंपो से घर वापस लौटे। सरकार सुविधा देने के नाम पर बहुत सारे वादे करती है परंतु धरातल पर क्या मिलता है यह मजदूर ही जानते हैं। सरकार अगर सुविधा उपलब्ध कराएगी तो हम लोग यहीं पर काम करेंगे अन्यथा फिर परदेश वापस लौटना होगा।

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