लड़कियां समाज के लिए बोझ नहीं, बल्कि ताकत हैं

किशोरियों का समाजिक-आर्थिक उन्नयन करना ही उद्देश्य

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Aug 2022 04:01 AM (IST) Updated:Fri, 05 Aug 2022 04:01 AM (IST)
लड़कियां समाज के लिए बोझ नहीं, बल्कि ताकत हैं
लड़कियां समाज के लिए बोझ नहीं, बल्कि ताकत हैं

लड़कियां समाज के लिए बोझ नहीं, बल्कि ताकत हैं

संवाद सूत्र, करमाटांड़ (जामताड़ा) : करमाटांड़ प्रखंड के तरकोजोरी पंचायत के समन्वयक डाली दत्ता ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय जगन्नाथपुर के 14 से 24 वर्ष के किशोरी और महिलाओं से घर-घर जाकर संपर्क किया और आत्मनिर्भर बनने को प्रेरित किया। इस दौरान जगन्नाथपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक विद्यासागर और अन्य सहायक अध्यापक से भी सहयोग लिया और बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने को सहयोग मांगा। प्रधानाध्यापक विद्यासागर ने तेजस्विनी परियोजना के अंतर्गत सभी किशोरी और महिलाओं के कौशल विकास, रोजगार से संबंधित शिक्षा देने के लिए भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि लड़कियां समाज के लिए बोझ नहीं, बल्कि एक ताकत है। वे हर क्षेत्र में लड़कों से बेहतर कर रही हैं। एक सामान्य नौकरी और सेवा के क्षेत्र से आगे राष्ट्र के सबसे बड़े पद राष्ट्रपति के पद को सुशोभित कर रही हैं। समन्वयक ने कहा कि डीपीएम जयंता भगत और प्रखंड समन्वयक तरुण झा के निर्देश पर पंचायत की 14 से 24 वर्ष की किशोरियों व युवतियों का सामाजिक तथा आर्थिक सशक्तीकरण किया जाना है, जिसमें क्लब का गठन कर किशोरियों व युवतियों को क्लब से जोड़ा जा रहा है। प्रारंभिक प्रशिक्षण में उन्मुखीकरण और जीवन कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत व्यवहार, हक तथा अधिकार, स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण केंद्र में निश्शुल्क व्यावहारिक और व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके। मौके पर सहायक अध्यापक ख्रीस्टीना हेंब्रम, शंकर पंडित, मोतीलाल पंडित, मोहन कुमार पंडित सहित जगन्नाथपुर गांव की छात्राएं उपस्थित थीं।

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