jamtara news साइबर ठगों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, तीन गिरफ्तार

दिल्ली साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन सेल के नाम से साइबर अपराधियों से होती थी ठगी। साफ्टवेयर इंजीनियर दिल्ली साइबर पुलिस के नाम से बनाता था फर्जी नोटिस स्थनीय ठगों के नेता को लेता था झांसे में सोनबाद का शातिर साइबर अपराधी संतोष रक्षित गैंग को बताता था साइबर ठगों का लोकेशन।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 03 Oct 2022 07:01 PM (IST) Updated:Mon, 03 Oct 2022 07:01 PM (IST)
jamtara news साइबर ठगों से ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा, तीन गिरफ्तार
साइबर ठगों से ठगी करने वाले गिरोह की हुई गिरफ्तारी जानकारी देते पुलिस अधिकारी।

जागरण संवाददाता, जामताड़ा : जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है जो साइबर ठगों को ही अपनी चालबाजी से ठगने की फिराक में जुटा था। इन शातिरों ने दिल्ली साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन सेल के नाम एक लेटर पेड छपवा रखा था और एक पुराने साइबर ठग संतोष रक्षित की निशानदेही पर अन्य साइबरों को इस नोटिस को भेजने और पैसों की उगाही में जुटा था। पुलिस टीम ने इस गैंग के मास्टर माइंड टीचर्स कालोनी का रहनेवाला साफ्टवेयर इंजीनियर कुंदन झा और खुद को एक पार्टी का जिला अध्यक्ष बताने वाले विधान चंद्र सर्खेल को टीचर्स कालोनी से रविवार देर शाम गिरफ्तार किया। विधान सर्खेल जामताड़ा के दक्षिण बहाल का रहने वाला है जबकि इसी गैंग के साथ जुड़ा सोनबाद गांव का संतोष रक्षित अभी फरार है।

साइबर डीएसपी मजरूल होदा ने बताया कि इस गैंग से जुड़े अपराधी खुद को दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते थे। साथ ही नोटिस देने और काल करने के बाद साइबर ठगों को बताते थे कि यह अतिगोपनीय जांच चल रही है और इस बात का पता सिर्फ रांची पुलिस हेडक्वार्टर और जामताड़ा एसपी को है फिर यह गैंग साइबर अपराधियों को खुद जामताड़ा सर्किट हाउस में रूकने की बात कह सुनसान इलाके में बुलाकर उनसे रुपये की डील फाइनल करने की कोशिश करता था।

इंजीनियर था मास्टर माइंड, नेता इंफार्मर और पुराना साइबर ठग बता रहा था साइबर ठगों का पता

इस गैंग का मास्टर माइंड साफ्टवेयर इंजीनियर कुंदन झा था। वह लैपटाप से दिल्ली पुलिस के सारे डिटेल्स निकालकर साइबर ठगों को भेजा जाने वाला नोटिस तैयार करता था फिर तथाकथित नेता विधान सर्खेल उसे कहां और किसे भेजना है यह तय करता था। जबकि पुराना साइबर अपराधी अन्य साइबर ठगों का नाम नंबर और पता उपलब्ध कराने का काम कर रहा था।

कितने साइबर ठगों को इस गैंग भेजा नोटिस, जांच में जुटी पुलिस

इस गैंग ने अबतक कितने साइबर ठगों को दिल्ली साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन सेल के नाम से नोटिस भेजा है और कितने लोगों से ऐसा झांसा देकर ठगी की है, जामताड़ा साइबर थाने की पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है। इन शातिरों के पास से पुलिस टीम ने एक लैपटाप, तीन बाइक, आठ मोबाइल और अलग-अलग कंपनियों के दर्जनभर से ज्यादा सिम कार्ड के साथ 26000 रुपये नकद बरामद किया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। जबकि इसी गैंग के संतोष रक्षित की पुलिस को अभी तलाश है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गैंग के तार कई अन्य शातिरों से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है।

कमीशन पर करता था पैसों की निकासी

जागरण संवाददाता, जामताड़ा ः एक अन्य मामले में जामताड़ा के एसबीआइ एटीएम के पास से रविवार की देर शाम दबोचा गया शहजाद अंसारी कमीशन पर एटीएम से रुपये की निकासी कर साइबर ठगों को पहुंचाता था। करमाटांड़ के नीमडीह का रहने वाला शातिर काफी समय से राजस्थान समेत अन्य राज्यों में मजदूर भेजने का काम करता था। कुछ दिन गुजर जाने के बाद वह उन मजदूरों के नाम पर खाते खुलवाता और उनके पासबुक व एटीएम अपने पास रख लेता था फिर साइबर ठगों से कांटेक्ट कर उन्हें उन खातों में पैसे ट्रांफर करने को कहता और उनके एटीएम से पैसे निकालकर 25 फीसदी कमीशन काटकर पैसे साइबर ठगों को कर देता था। उसके पास से दर्जनभर से भी ज्यादा अलग-अलग बैंक के एटीएम बरामद हुए हैं। पुलिस टीम ने आरोपित से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया है।

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